| अवगुण और पुराने संस्कार | बदलकर | गुण | ||||||||||
| १ | रोना व रुसना | मैं आत्मा, | खुशनुमा , हर्षित हूँ | |||||||||
| २ | चिड़चिड़ापन, मूड ऑफ करना | मैं आत्मा, | मिलनसार, सदा खुश हूँ | |||||||||
| ३ | आवेश मे आना | मैं आत्मा, | अपने स्वमान कि सीट पर सेट हूँ | |||||||||
| ४ | फीलिंग मे आना, अपसेट होना | मैं आत्मा, | मास्टर शान्ति का सागर हूँ | |||||||||
| ५ | नाराज़ होना, असंतुष्ट रहेना | मैं आत्मा, | संतुष्टमणी हूँ | |||||||||
| ६ | फॅमिलियारिटी | मैं आत्मा, | सभी के प्रति समभाव और सम दृष्टि रखती हूँ | |||||||||
| ७ | नाम- स्व का आकर्षण | मैं आत्मा, | रूहानीयत और आत्मिक आकर्षण वाली हूँ | |||||||||
| ८ | लगाव-झुकाव, प्रभावित होना | मैं आत्मा, | अनासक्त, उपराम, और नष्टोमोहा हूँ | |||||||||
| ९ | आलस्य , अलबेलापन, सुस्ती | मैं आत्मा, | तीव्र पुरुषार्थी हूँ | |||||||||
| १० | बेदरकार, ज़िम्मेवारी ना संभालना, गेर ज़िम्मेदारी | मैं आत्मा, | सावधान ख़बरदार एक्यूरेट अलर्ट और जिम्मेदार हूँ | |||||||||
| ११ | डांटना | मैं आत्मा, | स्नेह, प्यार और शान्ति से चलने वाला हूँ | |||||||||
| १२ | तिरस्कार, घृणा, नफ़रत करना | मैं आत्मा, | आत्मिक प्यार रखने वाला स्नेही हूँ | |||||||||
| १३ | व्यर्थ बातों में रूचि रखना | मैं आत्मा, | स्वचिन्तन और ज्ञानचिंतनमें बिजी रहनेवाला समर्थस्वरूप हूँ | |||||||||
| १४ | अपमान | मैं आत्मा, | सर्व को मान और सन्मान देता हूँ | |||||||||
| १५ | डिसरिगार्ड करना, बेइज़्ज़ती करना | मैं आत्मा, | सर्व को रिगार्ड और सत्कार देने वाली हूँ | |||||||||
| १६ | ज़िद्द करना | मैं आत्मा, | सहमती से संगठन बना कर चलने वाला हूँ | |||||||||
| १७ | अपनी बातों को सिद्ध करना | मैं आत्मा, | बाप को प्रत्यक्ष करने वाला हूँ | |||||||||
| १८ | उदास, निराश होना, दिलशिकस्त होना | मैं आत्मा, | उमंग, उत्साह, हिम्मत और साहस के पंखो पर उड़ने वाला हूँ | |||||||||
| १९ | भय, दर, घभराहट | मैं आत्मा, | निडर निर्वेर निर्भय निश्चिंत हूँ | |||||||||
| २० | परेशन होना, परेशन करना | मैं आत्मा, | शान्त शीतल निर्मल और सहयोगी हूँ | |||||||||
| २१ | लालच करना | मैं आत्मा, | निर्लोभी निर्मोही निर्क्रोधी, इच्छा मात्रम अविद्या हूँ | |||||||||
| २२ | आसक्ति रखना | मैं आत्मा, | अनासक्त, उपराम लगाव मुक्त शक्ति स्वरूप हूँ | |||||||||
| २३ | संग्रह करनेकी वृति | मैं आत्मा, | ज्ञान रत्नों का सग्रह करने वाली हूँ | |||||||||
| २४ | मांगने के संस्कार | मैं आत्मा, | मास्टर दाता हूँ | |||||||||
| २५ | तंग करना, दुःख देना | मैं आत्मा, | दुःख ना देनवाली, दुःख ना लेनेवाली, सुख बाँटने वाली हूँ | |||||||||
| २६ | इन्डिपेनडेन्ट रहने का संस्कार | मैं आत्मा, | स्नेही हूँ सहयोगी हूँ सिद्धि स्वरुप हूँ | |||||||||
| २७ | स्ट्रिक्ट (कड़े) रहने का संस्कार | मैं आत्मा, | रहम दिल नम्र दिल हूँ | |||||||||
| २८ | आराम पसंदी, ज़्यादा सोने का संस्कार | मैं आत्मा, | ४ या ५ धंटे सोने वाली अथक अलर्ट और एक्टिव हूँ......... | |||||||||
| २९ | नाज़ुकपन | मैं आत्मा, | शक्तिशाली दुर्गा हूँ ......चतुर्भुज विष्णु हूँ........... | |||||||||
| ३० | काम अधूरा छोडना वा रुचिपूर्वक कार्य ना करना | मैं आत्मा, | हर कार्य दिलसे, विधि पूर्वक करनेवाली, सिद्धिस्वरूप हूँ | |||||||||
| ३१ | बदला लेना | मैं आत्मा, | बीती सो बीती समझनेवाली क्षमा मूर्त हूँ | |||||||||
| ३२ | गिरानेकी वृति, ठुकराने की भावना | मैं आत्मा, | परोपकारी हूँ... उपकारी हूँ ...गिरे हुए को उठाने वाली हूँ | |||||||||
| ३३ | निंदा ग्लानि करना, कॉमेंट क्रिटिसाइज़ करना | मैं आत्मा, | सभीकि विशेषतायें देखनेवाली, स्वचिन्तन&शुभचिंतन करती हूँ | |||||||||
| ३४ | हंसी मज़ाक उड़ाना | मैं आत्मा, | रोयल शान्त गंभीर और रमणीक हूँ | |||||||||
| ३५ | ज़्यादा बोलनेका संस्कार, अनावश्यक बोल | मैं आत्मा, | कम, धीरा, मीठा, सोचके , समझके सत्य बोलने वाली हूँ | |||||||||
| ३६ | कडुवा- पत्थर बोल बोलना | मैं आत्मा, | वरदानी और मधुर वचन बोलनेवाली हूँ | |||||||||
| ३७ | गाली बोलना, बुरे वचन बोलना | मैं आत्मा, | शुभ बोल, ज्ञान के बोल बोलने वाली हूँ | |||||||||
| ३८ | झूठ बोलना | मैं आत्मा, | सत्य वचन, शुभ वाणी, ज्ञान के मोती सुनाने वाली हूँ. | |||||||||
| ३९ | अत्याहार करना, बहुत भोजन खाना | मैं आत्मा, | सात्विक और कम आहार फलाहार करने वाली हूँ | |||||||||
| ४० | मिया मिटठू बनना| अपनी बडाई करनेका संस्कार | मैं आत्मा, | निमित्त, हूँ, निर्मान हूँ, निर्मल हूँ | |||||||||
| ४१ | नवाबी चलना, किसीसे सेवा लेना | मैं आत्मा, | मैं आत्मा सिम्पल और रोयल हूँ | |||||||||
| ४२ | ऑर्डर चलना | मैं आत्मा, | स्नेह प्यार से चलने वाली हूँ | |||||||||
| ४३ | वाद, विवाद करना, बहस करना | मैं आत्मा, | अंतरमुखी हूँ | |||||||||
| ४४ | मगरूरी करना, घमंड | मैं आत्मा, | देही अभिमानी हूँ , निरहंकारी, निर्मल, नम्र हूँ | |||||||||
| ४५ | बुद्धि का अहम | मैं आत्मा, | मन बुद्धि से सम्पूर्ण समर्पित हूँ | |||||||||
| ४६ | भाव-स्वाभाव में आना-टकराव होना | मैं आत्मा, | आत्मिक भाव वाला एकता एकमत सम्पूर्ण श्रीमत वाला हूँ | |||||||||
| ४७ | गंदी तृष्णा, कामना रखना | मैं आत्मा, | ऊंच विचार और श्रेष्ठ कामनायें वाली हूँ | |||||||||
| ४८ | नमकहराम बनना; वचन दे बदल जाना | मैं आत्मा, | वफादार इमानदार अपने वचन पर पक्का हूँ | |||||||||
| ४९ | अंदर एक, बाहर दूसरा | मैं आत्मा, | सत्य हूँ, साफ़ हूँ, स्वच्छ हूँ, स्पष्ट हूँ | |||||||||
| ५० | दिखावा, दंभ करना, ढोंग रचाना | मैं आत्मा, | सहज सिम्पल सरल और गुप्त पुरुषार्थी हूँ | |||||||||
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