Om Shanti
Om Shanti
कम बोलो, धीरे बोलो, मीठा बोलो            सोच के बोलो, समझ के बोलो, सत्य बोलो            स्वमान में रहो, सम्मान दो             निमित्त बनो, निर्मान बनो, निर्मल बोलो             निराकारी, निर्विकारी, निरहंकारी बनो      शुभ सोचो, शुभ बोलो, शुभ करो, शुभ संकल्प रखो          न दुःख दो , न दुःख लो          शुक्रिया बाबा शुक्रिया, आपका लाख लाख पद्मगुना शुक्रिया !!! 

Essence of Murli (H&E) : June 14, 2014:



Essence of Murli (H&E) : June 14, 2014:

 

Essence:   Sweet  children, all  of  you  are  spiritual   brothers.    You  should   have  spiritual love  for  one another. You souls have to love souls not their bodies.

 

Question: What wonderful aspect has the Father explained about  His home?

 

Answer:     All the souls  who come to My home are fixed, numberwise, in their own sections.  Souls do not move  from  there.   There, all  the sou ls of all  religions stay  close  to  Me.   Souls  come  down, numberwise, at their own time, to play their parts.  Only  once, at this time of the cycle, do you receive this wonderful knowledge.  No one else can give this knowledge.

 

 

Essence for  dharna:

 

 

I .  In order to have constant remembrance easily, always think as you walk and move around: I am a  soul. I, the soul, a resident  of  the supreme abode,  have  come  here  to play  my  part.   The Father also resides  in the supreme abode.   He has entered  the body of Brahma.

 

 

2.    J ust as souls  have  love  for  the spiritual  Father,  in the same  way,  live  with  one  another with spiritual  love.   You  sou ls should  have love  for souls,  not bodies.    Make  full effort  to practice soul consciousness.

 

Blessing:   May  you  stay  in solitude and  have  and  give  others  a  powerful experience through  having  a concentrated stage  for a minute.

 

To  be one  who stays  in solitude means  to remain  stable  in a powerful  stage,  whether  it is the seed stage, the stage of a light-and-might-house of one who give light and might to the world or who give others  the experience of the avyakt  stage  through  your  angelic  stage.  If you  remain stable  in that stage  for one  second or one minute, then  you, yourself, and  other  souls  too can benefit a great deal through  that.  You simply  need to practise this.

 

 

Slogan: A brahma-chari is one who has vibrations of purity  merged in every  thought and word.

 


सार:-  मीठे बच्चे तुम सब आपस में रूहानी भाई-भाई हो, तुम्हारा रूहानी प्यार होना चाहिए, आत्मा के प्यार आत्मा से हो, जिस्म से नहीं

         
प्रश्न:-    बाप ने अपने घर की वन्डरफुल बात कौन-सी सुनाई है?


उत्तर:- जो भी आत्मायें मेरे घर में आती हैं, वह अपने-अपने सेक्शन में अपने नम्बर पर फिक्स होती हैं | वह कभी भी हिलती डुलती नहीं | वहाँ पर सभी धर्म की आत्मायें मेरे नजदीक रहती हैं | वहाँ से नम्बरवार अपने-अपने समय पर पार्ट बजाने आती हैं यह वन्डरफुल नॉलेज इसी समय कल्प में एक बार ही तुम्हें मिलती है | दूसरा कोई यह नॉलेज नहीं दे सकता |

 

धारणा के लिए मुख्य सार:-

 

1.         सदा याद सहज बनी रहे उसके लिए चलते फिरते यह चिन्तन करना कि हम आत्मा हैं, परमधाम निवासी आत्मा यहाँ पार्ट बजाने आई हैं | बाप भी परमधाम में रहते हैं | वह ब्रह्मा तन में आये हैं |

 

2.         जैसे रूहानी बाप से आत्मा का प्यार है, ऐसे आपस में भी रूहानी प्यार से रहना है | आत्मा का आत्मा से प्यार हो, शरीर से नहीं | आत्म-अभिमानी बनने का पूरा-पूरा अभ्यास करना है |

 

वरदान:-  एक मिनट की एकाग्र स्थिति द्वारा शक्तिशाली अनुभव करने कराने वाले एकान्तवासी भव

 

एकान्तवासी बनना अर्थात् कोई भी एक शक्तिशाली स्थिति में स्थित होना | चाहे बीजरूप स्थिति में स्थित हो जाओ, चाहे लाईट माईट हाउस की स्थिति में स्थित हो विश्व को लाईट माईट दो, चाहे फ़रिश्ते पन की स्थिति द्वारा औरों को अव्यक्त स्थिति का अनुभव कराओ | एक सेकण्ड वा एक मिनट भी अगर इस स्थिति में एकाग्र हो स्थित हो जाओ तो स्वयं को और अन्य आत्माओं को बहुत लाभ दे सकते हो | सिर्फ़ इसकी प्रैक्टिस चाहिए |

 

स्लोगन:-  ब्रह्माचारी वह है जिसके हर संकल्प, हर बोल में पवित्रता का वायब्रेशन समाया हुआ है |  

 

 

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