Essence of Murli
(H&E): July
30, 2014:
Essence: Sweet children, you
have to become double-crowned kings. Therefore, do a lot of service and create
subjects. At the confluence age, you have to do service: Only in this is there
benefit.
Question: What decoration does
each one of you have to have before destruction of the old world takes place?
Answer: You children have to decorate yourselves with the
power of yoga. It is with this power of yoga that the whole world will become
pure. You now have to go into the stage of retirement; there is therefore no
need to decorate that body. It is not worth a penny. Therefore, remove your
attachment from it. Become merciful like the Father before destruction takes
place and decorate yourself and others. Become a stick for the blind.
Essence for Dharna:
1. In order to go to the land of immortality, fill
yourselves with the treasures of happiness at the confluence age. Do not waste
your time. Fill your aprons, become merciful and become sticks for the blind.
2. In order to receive heaven on the palms of your hands, हथेली पर बहिश्त you definitely have to become pure. Create methods to make
yourself satopradhan and have mercy for yourself. Accumulate the power of yoga.
Blessing: May you remain Maya
–proof and, remain safe from any shadow of the royal form of Maya by remaining
constantly careful.
At present, Maya makes real
understanding and the power of realization disappear and makes you experience
something wrong to be right. When someone performs magic, you are no longer
under your own control, in the same way, royal Maya does not allow you to
understand what is real. This is why BapDada is making you doubly underline
attention. Remain so careful that you become safe from any shadow of Maya माया की छाया and
become Maya-proof Especially bring your mind and intellect under the protection
of the Father’s canopy. छत्रछाया
सार:- “मीठे बच्चे
- तुम्हें डबल सिरताज राजा बनना है तो खूब सर्विस करो, प्रजा बनाओ, संगम पर तुम्हें सर्विस ही करनी है, इसमें ही कल्याण है”
प्रश्न:- पुरानी दुनिया के विनाश के पहले हरेक को कौन-सा श्रृंगार करना है?
उत्तर:- तुम बच्चे योगबल से अपना श्रृंगार करो, इस योगबल से ही सारा विश्व पावन बनेगा । तुमको अब वानप्रस्थ में जाना है इसलिए इस शरीर का श्रृंगार करने की जरूरत नहीं । यह तो वर्थ नाट पेनी है, इससे ममत्व निकाल दो । विनाश के पहले बाप समान रहमदिल बन अपना और दूसरों का श्रृंगार करो । अन्धों की लाठी बनो ।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1. अमरलोक में जाने के लिए संगम पर खुशी का खजाना भरना है । टाइम वेस्ट नहीं करना है । अपनी झोली भरकर रहमदिल बन अंधों की लाठी बनना है ।
2. हथेली पर बहिश्त लेने के लिए पवित्र जरूर बनना है । स्वयं को सतोप्रधान बनाने की युक्तियां रच अपने ऊपर आपेही कृपा करनी है । योगबल जमा करना है ।
वरदान:- सदा केयरफुल रह माया के रॉयल रूप की छाया से सेफ रहने वाले मायाप्रूफ भव !
वर्तमान समय माया रीयल समझ को, महसूसता की शक्ति को गायब कर रांग को राइट अनुभव कराती है । जैसे कोई जादूमंत्र करते हैं तो परवश हो जाते हैं, ऐसे रॉयल माया रीयल को समझने नहीं देती है । इसलिए बापदादा अटेंशन को डबल अन्डरलाइन करा रहे हैं । ऐसा केयरफुल रहो जो माया की छाया से सेफ मायाप्रूफ बन जाओ । विशेष मन-बुद्धि को बाप की छत्रछाया के सहारे में ले आओ ।
स्लोगन:- जो सहजयोगी हैं उनको देखकर दूसरों का भी योग सहज लग जाता है ।
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