Om Shanti
Om Shanti
कम बोलो, धीरे बोलो, मीठा बोलो            सोच के बोलो, समझ के बोलो, सत्य बोलो            स्वमान में रहो, सम्मान दो             निमित्त बनो, निर्मान बनो, निर्मल बोलो             निराकारी, निर्विकारी, निरहंकारी बनो      शुभ सोचो, शुभ बोलो, शुभ करो, शुभ संकल्प रखो          न दुःख दो , न दुःख लो          शुक्रिया बाबा शुक्रिया, आपका लाख लाख पद्मगुना शुक्रिया !!! 

Amritology Point For December 16, 2014 (H&E)

For December 16, 2014

An Experienced Soul in Conversation with the Innocent Bestower

Dec15
First Awareness
The moment I open my eyes, I realize: I am a soul. I descended from the Sweet Home of Light in order to give radiant light to the world.

Who am I?
I am an experienced soul. Just by one second’s immersion in amrit vela, I embody experience and attainment for the entire day and night that follows. I need only connect with the Innocent Bestower.

To whom do I Belong?
Soul converses with Baba:
Good morning sweet Baba. The Innocent Bestower is my Dad. I fill my soul with all fortunate experiences. I experience deep peace. I remember Your love for me –embedded in my soul. I recollect my original purity and strengthen it.

Baba converses with the Soul:
Sweet child, wake up! Sit down with Me. Make use of Me. I am available to you, however you want to persuade Me, sit with Me, or play with Me, however you wish to relate to Me. Whatever experience of easy method and attainment you seek – all are readily available. Both the treasure store of all attainments and I as the Innocent Bestower of all, are easily accessible at amrit vela. The mine of all virtues and the mine of all powers are open for you.

Receiving Inspirations
I take a moment to quiet my chattering mind by focusing on Baba, the Ocean of Silence. In this silence, I receive from Baba pure, inspiring thoughts for service.

Receiving a Blessing from Baba
I manifest my angelic form before sweet Baba in the subtle regions. With much love and powerful drishti, pure vision, He gives me this blessing:
You are a karma yogi soul whose every second, thought, and action is spiritual. You surrender every breath to Baba, every step to truth, and every action to that which is benevolent and life giving. Because of this, contentment is the king of your heart and the gift you bestow to everyone you meet.

Unlimited Subtle Service (last 15 minutes)
I bestow on the world the blessing described above. I take this blessing from Baba and gift it to the whole world through my pure thoughts. With my angelic costume, I circle the earth globe and give this blessing to all souls.

Before Going to Bed
I steady myself in the stage beyond sound. I mentally check: was I disobedient in anyway during the day? If so, I admit it to Baba. Did I succumb, mentally or physically, to any attractions, attachments, or selfish preferences? I chart my actions, and remove the impact of faulty actions with 30 minutes of yoga. I go to sleep with a clean and clear heart.


Soundtrack for December 16th Amrit Vela points

For a complete 60 minute soundtrack of guided commentary with Amrit Vela points, click here.


भोलानाथ बाप के साथ अनुभवीमूर्त आत्मा की रूहरिहान

पहली स्मृति

मैं आत्मा हूँ | मैं इस धरा को प्रकाशमय करने के लिए स्वीट लाइट के होम से अवतरित हुई हूँ |

मैं कौन हूँ?

मैं एक अनुभवीमूर्त आत्मा हूँ | एक सेकंड के अमृतवेले का गहरा अनुभव मुझे दिन भर के लिए भरपूर कर देता है | मुझे तो सिर्फ भोलानाथ बाप से बुद्धियोग लगाना है |

मैं किसकी हूँ?

आत्मा की बाबा से रूहरिहान:

मीठे ब्रह्मा बाबा -गुड मॉर्निंग ! भोलानाथ बाप ! आप मेरे पिता हो | मैं स्वयं में असीम शांति को समाकर अत्यंत भाग्यशाली अनुभव कर रही हूँ | आपका स्नेह मेरे दिल में समाया हुआ है | मुझे अपने आदि पवित्र व शक्तिशाली स्वरुप की स्मृति आ गई है |

बाबा की आत्मा से रूहरिहान:

मीठे बच्चे जागो ! मेरे साथ बैठो । मैं तुम्हारे लिए सदा हाज़िर हूँ | चाहे तुम मेरे साथ खाओ,बैठो, खेलो, कुछ भी करो,मैं तुम्हारे साथ सदा रहता हूँ | तुम जो भी अनुभव व प्राप्ति करना चाहते हो कर सकते हो | अमृतवेले के समय तुम मुझ भोलानाथ बाप से सहज मिल कर सर्व प्राप्तियों का खजाना लूट सकते हो |इस समय पर सर्व गुणों व सर्व शक्तियों की खान तुम्हारे लिए खुली है |

बाबा से प्रेरणाऐ:

अपने मन को सर्व बातों से हटा कर बाबा में लगाऐं। बाबा है साइलेन्स का सागर। इस साइलेन्स में मैं बाबा से प्रेरणायुक्त और पवित्र सेवा के संकल्प ले रही हूँ।

बाबा से वरदान:

सूक्ष्म वतन में मीठे बाबा के सामने मेरा फरिश्ता स्वरूप साफ दिखाई दे रहा है। बहुत प्यार व शक्तिशाली दृष्टि से बाबा मुझे वरदान दे रहे हैं

तुम एक कर्मयोगी आत्मा हो जिसके हर सेकंड, हर संकल्प व हर कर्म में रूहानियत है | तुम्हारी हर श्वांस में बाबा है, हर कदम में सत्यता है व हर कर्म में कल्याण की भावना है | इसलिए संतुष्टता तुम्हारे दिल का राजा है |यह गिफ्ट तुम सबको दान में देते हो |

बेहद की सूक्ष्म सेवा: (आखिरी के पंद्रह मिनिट - प्रातः ४:४५ से ५:०० बजे तक)

बाबा द्वारा इस वरदान को अपने शुभ संकल्पों द्वारा, वरदाता बन, मैं पूरे विश्‍व को दान दे रही हूँ। अपनी फरिश्ता ड्रेस पहन कर मैं विश्‍व भ्रमण करते हुए सर्व आत्माओं को ये वरदान दे रहीं हूँ।

रात्रि सोने के पहले

आवाज़ की दुनिया के पार जा कर अपनी स्टेज को स्थिर बनाऐं। चेक करें की आज दिन भर में किसी बात की अवज्ञा तो नहीं की? अगर हाँ तो बाबा को बताऐं। किसी के मोह या आकर्षण में बुद्धि तो नहीं फंसी? अपने कर्मो का चार्ट बनाऐं। तीस मिनिट के योग द्वारा किसी भी गलत कर्म के प्रभाव से स्वयं को मुक्त करें। अपने दिल को साफ और हल्का कर के सोऐं।


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