For December 30, 2014
Lucky Star in Conversation with Sweet Baba
First Awareness
The moment I open my eyes, I realize: I am a soul. I descended from the Sweet Home of Light in order to give radiant light to the world.
Who am I?
I am a lucky star. God Himself sings my praise. I am a north star for the whole world.
To Whom do I Belong?
Soul converses with Baba:
Good morning sweet Baba. When I stay in your company, I experience super-sensuous joy. In your company, I transform from a pale star to a shining, lucky star!
Baba converses with the Soul:
Sweet child, wake up! Sit down with Me. Experience the joy of being a lucky star and all your sorrows will drift away. At amrit vela, see yourself in the mirror of your heart. At this time, see your shining fortune and soaring future again and again in this mirror.
Receiving Inspirations
I take a moment to quiet my chattering mind by focusing on Baba, the Ocean of Silence. In this silence, I receive from Baba pure, inspiring thoughts for service.
Receiving a Blessing from Baba
I manifest my angelic form before sweet Baba in the subtle regions. With much love and powerful drishti, He gives me this blessing:
You serve with a pure heart that glows with love for One. Because of this purity, you transcend attractions and bondages of karma and perform wonders on the stage of the world.Unlimited Subtle Service (last 15 minutes)
I bestow on the world the blessing described above. I take this blessing from Baba and gift it to the whole world through my pure thoughts. With my angelic costume, I circle the earth globe and give this blessing to all souls.
Before Going to Bed
I steady myself in the stage beyond sound. I mentally check: was I disobedient in anyway during the day? If so, I admit it to Baba. Did I succumb, mentally or physically, to any attractions, attachments, or selfish preferences? I chart my actions, and remove the impact of faulty actions with 30 minutes of yoga. I go to sleep with a clean and clear heart.
Webinar Series
Amritology; Experiences of a Yogi
For soundtrack of Amritology's 2nd webinar with Didi Sudesh of December 27th, click HERE.
Next Webinar: Sunday, January 4th
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English Soundtrack with Amrit Vela points - 60minFor December 30th
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Hindi Soundtrack with Amrit Vela points - 60minअमृत वेला के पॉइंट साज़ और आवाज़ से जुड़े ६० मिनट(चौथा सप्ताह – 30-12-2014) |
अमृतवेला(चौथा सप्ताह – 30-12-2014)एक लकी सितारे की मीठे बाबा से रूहरिहान
Hindi Soundtrack with Amrit Vela points - 60min
अमृत वेला के पॉइंट साज़ और आवाज़ से जुड़े ६० मिनट
(चौथा सप्ताह – 30-12-2014)
पहली स्मृतिआँख खुलते ही संकल्प करेंकि मैं आत्मा हूँ। मैं इस धरा को प्रकाशमय करने के लिये स्वीट लाइट के होम से अवतरित हुई हूँ।
मैं कौन हूँ?
मैं एक लकी सितारा हूँ। भगवान स्वयं मेरा गुणगान करते हैं। मैं सम्पूर्ण विश्व को प्रकाशित करने के लिये एक चमकता ध्रुव तारा बन गयी हूँ।
मैं किसकी हूँ?
आत्मा की बाबा से रूहरिहान:
मीठे बाबा - गुड मॉर्निंग। बाबा! आपके सानिध्य में मैं अति इन्द्रिय सुख का अनुभव कर रहीं हूँ। आपके साथ से मुझ टिमटिमाते सितारे की चमक बढ़ती जा रही है और मैं एक लकी सितारा बनती जा रही हूँ।
बाबा की आत्मा से रूहरिहान:
मीठे बच्चे! जागो! मेरे साथ बैठो। लकी सितारा बननेकी खुशी का अनुभवकरने से तुम्हारे सारेदुख दूर हो रहेंहैं। अमृत वेले तुमअपने आपको अपने दिलके आईने में देखो।इस समय अपने चमकतेहुये भाग्य और भविष्यकी ऊँची उड़ान कोबार-बारइस आईने मेंदेखो।
बाबा से प्रेरणाऐ:
अपने मन को सर्व बातों से हटा कर बाबा में लगाऐं। बाबा है साइलेन्स का सागर। इस साइलेन्स में मैं बाबा से प्रेरणायुक्त और पवित्र सेवा के संकल्प ले रही हूँ।बाबा से वरदान:
सूक्ष्म वतन में मीठे बाबा के सामने मेरा फरिश्ता स्वरूप साफ दिखाई दे रहा है। बहुत प्यार व शक्तिशाली दृष्टि से बाबा मुझे वरदान दे रहें हैं –
तुम्हारी सच्चे दिल से की गयी सेवा की चमक परमात्म प्यार से अति उज्ज्वल होती जा रही है। इसी पवित्रता के कारण तुम कर्मो के आकर्षण और बंधनो से परे जाकर, विश्व मंच पर चमत्कार दिखा रही हो।
बेहद की सूक्ष्म सेवा: (आखिरी के पंद्रह मिनिट - प्रातः ४:४५ से ५:०० बजे तक)
बाबा द्वारा इस वरदान को अपने शुभ संकल्पों द्वारा, वरदाता बन, मैं पूरे विश्व को दान दे रही हूँ। अपनी फरिश्ता ड्रेस पहन कर मैं विश्व भ्रमण करते हुए सर्व आत्माओं को ये वरदान दे रही हूँ।
रात्रि सोने के पहले
आवाज़ की दुनिया के पार जा कर अपनी स्टेज को स्थिर बनाऐं। चेक करें की आज मैंने दिन भर में किसी बात की अवज्ञा तो नहीं की? अगर हाँ तो बाबा को बताऐं। किसी के मोह या आकर्षण मे बुद्धि तो नहीफंसी? अपने कर्मो का चार्ट बनाऐं। तीस मिनिट के योग द्वारा किसी भी गलत कर्म के प्रभाव से स्वयं को मुक्त करें। अपने दिल को साफ और हल्का कर के सोऐं।
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