Om Shanti
Om Shanti
कम बोलो, धीरे बोलो, मीठा बोलो            सोच के बोलो, समझ के बोलो, सत्य बोलो            स्वमान में रहो, सम्मान दो             निमित्त बनो, निर्मान बनो, निर्मल बोलो             निराकारी, निर्विकारी, निरहंकारी बनो      शुभ सोचो, शुभ बोलो, शुभ करो, शुभ संकल्प रखो          न दुःख दो , न दुःख लो          शुक्रिया बाबा शुक्रिया, आपका लाख लाख पद्मगुना शुक्रिया !!! 

Amritology Point For December 19, 2014 (H&E)


For December 19th, 2014

Dec19

A Child in Conversation with the Mother and Father

First Awareness

The moment I open my eyes, I realize: I am a soul. I descended from the Sweet Home of Light in order to give radiant light to the world.

Who am I?

I am a child, a soul, and I belong to Baba. I receive sustenance from the Mother and Father, BapDada. He sustains me with special hospitality and care.

To Whom do I Belong?

Soul converses with Baba:
Good morning sweet Baba. My Baba, beloved Baba, sweet Baba. From the bottom of my heart, I know you are mine.
Baba converses with the Soul:
Sweet child, wake up! Sit down with Me. I love you so much. Just as in the morning, a mother and father prepare their child for the coming day. They clean and feed him, and ready him for the day. In that way, BapDada sustains you at amrit vela. I fill you, the soul, with power and prepare you for the entire day. Because you recognized Baba and said from your heart, “My Baba”, BapDada gives you spiritual love multi-million times over.

Receiving Inspirations

I take a moment to quiet my chattering mind by focusing on Baba, the Ocean of Silence. In this silence, I receive from Baba pure, inspiring thoughts for service.

Receiving a Blessing from Baba

I manifest my angelic form before sweet Baba in the subtle regions. With much love and powerful drishti, pure vision, He gives me this blessing:

At the confluence age, the Ocean of Love gives you platefuls of diamonds and pearls of love. With the power of this Love, the mountains of adverse situations become as light as water. No matter how fearsome the form of Maya is, you know how to merge yourself in the Ocean of Love in a second and turn the lioness of Maya into a kitten.

Unlimited Subtle Service (last 15 minutes)

I bestow on the world the blessing described above. I take this blessing from Baba and gift it to the whole world through my pure thoughts. With my angelic costume, I circle the earth globe and give this blessing to all souls.

Before Going to Bed

I steady myself in the stage beyond sound. I mentally check: was I disobedient in anyway during the day? If so, I admit it to Baba. Did I succumb, mentally or physically, to any attractions, attachments, or selfish preferences? I chart my actions, and remove the impact of faulty actions with 30 minutes of yoga. I go to sleep with a clean and clear heart.
***
headphone meditation

Soundtrack with Amrit Vela points - 60min

For December 19th

Click HERE.

Hindi Soundtrack with Amrit Vela points - 60min

(19-12-2014)




एक बच्चे की मात-पिता से रूहरिहान

पहली स्मृति

आँख खुलते ही संकल्प करें कि मैं आत्मा हूँ। मैं इस धरा को प्रकाशमय करने के लिये स्वीट लाइट के होम से अवतरित हुई हूँ।

मैं कौन हूँ?

मैं एक आत्मा हूँ और बाबा का बच्ची हूँ। मुझे मात-पिता की पालना बापदादा से मिलती है। बाबा मेरी पालना विशेष ध्यान और स्‍नेह से करते हैं।

मैं किसकी हूँ?

आत्मा की बाबा से रूहरिहान:

मीठे बाबा - गुड मॉर्निंग। मेरा बाबा! प्यारा बाबा! मीठा बाबा! बाबा!मैने सच्चे दिल से आपको पहचाना है, आप मेरे हो।

बाबा की आत्मा से रूहरिहान:

मीठे बच्चे! जागो! मेरे साथ बैठो। बच्चे! मैं तुम से बेहद प्यार करता हूँ। जैसे सुबह में लौकिक माँ-बाप अपने बच्चे को साफ करके, भोजन खिला के सारे दिन के लिये तैयार करते है। वैसे ही बापदादा तुम बच्चों को अमृत वेले पालना देते हैं। मैं भी तुम बच्चों को सर्व शक्तिओं से भरपूर कर सारे दिन के लिये तैयार करता हूँ। तुमने बाबा को जाना, पहचाना और दिल से कहा "मेरा बाबा"।बापदादा भी दिल से तुम बच्चों को पदमा-पदम गुणा रूहानी प्यार देते हैं।

बाबा से प्रेरणाऐ:

अपने मन को सर्व बातों से हटा कर बाबा में लगाऐं। बाबा है साइलेन्स का सागर। इस साइलेन्स में मैं बाबा से प्रेरणायुक्त और पवित्र सेवा के संकल्प ले रही हूँ।

बाबा से वरदान:

सूक्ष्म वतन में मीठे बाबा के सामने मेरा फरिश्ता स्वरूप साफ दिखाई दे रहा है। बहुत प्यार व शक्तिशाली दृष्टि से बाबा मुझे वरदान दे रहे हैं

संगम युग पर, तुम बच्चों को, प्यार का सागर बाबा थालियाँ भर-भर के स्‍नेह के हीरे-मोती देता है। इस रूहानी प्यार की शक्ति से पहाड़ जैसी परिस्तिथि भी पानी समान बन जाती है। माया का रूप, चाहे कितना भी विकराल आये, तुम बच्चे एक सेकण्ड में प्यार के सागर में ऐसे समा जाते हो जो माया रूपी शेरनी भी बिल्ली बन बन जाती है।

बेहद की सूक्ष्म सेवा: (आखिरी के पंद्रह मिनिट - प्रातः ४:४५ से ५:०० बजे तक)

बाबा द्वारा इस वरदान को अपने शुभ संकल्पों द्वारा, वरदाता बन, मैं पूरे विश्‍व को दान दे रही हूँ। अपनी फरिश्ता ड्रेस पहन कर मैं विश्‍व भ्रमण करते हुए सर्व आत्माओं को ये वरदान दे रही हूँ।

रात्रि सोने के पहले

आवाज़ की दुनिया के पार जा कर अपनी स्टेज को स्थिर बनाऐं। चेक करें की आज मैंने दिन भर में किसी बात की अवज्ञा तो नहीं की? अगर हाँ तो बाबा को बताऐं। किसी के मोह या आकर्षण मे बुद्धि तो नही फंसी? अपने कर्मो का चार्ट बनाऐं। तीस मिनिट के योग द्वारा किसी भी गलत कर्म के प्रभाव से स्वयं को मुक्त करें। अपने दिल को साफ और हल्का कर के सोऐं।



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