For December 20th, 2014
A Special Soul in Conversation with BapDada
First Awareness
The moment I open my eyes, I realize: I am a soul. I descended from the Sweet Home of Light in order to give radiant light to the world.
Who am I?
I am a special soul. Because I belong to Baba, Baba sees me as a very special and unique soul.
To Whom do I Belong?
Soul converses with Baba:
Good morning sweet Baba. I sit face-to-face with you in the subtle regions. I feel the pull of your love and your special care. I experience the subtle power you give me with your special thoughts.
Good morning sweet Baba. I sit face-to-face with you in the subtle regions. I feel the pull of your love and your special care. I experience the subtle power you give me with your special thoughts.
Baba converses with the Soul:
Sweet child, wake up! Sit down with Me. Sweet, special soul, you belong to Me and I belong to you. The awareness of this spiritual belonging blesses and fills you, the soul, with great power. BapDada need not give blessings in words. BapDada’s mere loving thought gives you an experience of the highest benefit. I sustain you with these subtle thoughts of love. I sit in the subtle regions and give special nourishment to you, the special soul.
Sweet child, wake up! Sit down with Me. Sweet, special soul, you belong to Me and I belong to you. The awareness of this spiritual belonging blesses and fills you, the soul, with great power. BapDada need not give blessings in words. BapDada’s mere loving thought gives you an experience of the highest benefit. I sustain you with these subtle thoughts of love. I sit in the subtle regions and give special nourishment to you, the special soul.
Receiving Inspirations
I take a moment to quiet my chattering mind by focusing on Baba, the Ocean of Silence. In this silence, I receive from Baba pure, inspiring thoughts for service.
Receiving a Blessing from Baba
I manifest my angelic form before sweet Baba in the subtle regions. With much love and powerful drishti, pure vision, He gives me this blessing:
Your wings have grown strong with your love for Bapdada. These wings of love carry you beyond the physical world and beyond the shadow of Maya in a second. They keep you flying in a carefree stage where effort is entertainment and victory is a guarantee.
Your wings have grown strong with your love for Bapdada. These wings of love carry you beyond the physical world and beyond the shadow of Maya in a second. They keep you flying in a carefree stage where effort is entertainment and victory is a guarantee.
Unlimited Subtle Service (last 15 minutes)
I bestow on the world the blessing described above. I take this blessing from Baba and gift it to the whole world through my pure thoughts. With my angelic costume, I circle the earth globe and give this blessing to all souls.
Before Going to Bed
I steady myself in the stage beyond sound. I mentally check: was I disobedient in anyway during the day? If so, I admit it to Baba. Did I succumb, mentally or physically, to any attractions, attachments, or selfish preferences? I chart my actions, and remove the impact of faulty actions with 30 minutes of yoga. I go to sleep with a clean and clear heart.
Soundtrack with Amrit Vela points - 60minFor December 20th
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Hindi Soundtrack with Amrit Vela points - 60minअमृत वेला के पॉइंट साज़ और आवाज़ से जुड़े ६० मिनटअमतृ वेला (दसू रा सप्ताह – 20-12-2014)
अमृतवेला (दूसरा सप्ताह – 20-12-2014)
बापदादा की एक अनन्य बच्ची से रूहरिहान
पहली स्मृति
आँख खुलते ही संकल्प करें कि मैं आत्मा हूँ। मैं इस धरा को प्रकाशमय करने के लिये स्वीट लाइट के होम से अवतरित हुई हूँ।
मैं कौन हूँ?
मैं एक विशेष आत्मा हूँ। मैं बाबा की हूँ और बाबा की दृष्टि में मैं एक बहुत विशेष और अनन्य बच्ची हूँ।
मैं किसकी हूँ?
आत्मा की बाबा से रूहरिहान:
मीठे बाबा - गुड मॉर्निंग। बाबा! मैं आप के सामने सूक्ष्म वतन मेंबैठी हूँ। मुझे आपके रूहानी प्यार और पालना की खींच का अनुभव हो रहा है। बाबा! आप के श्रेष्ठ संकल्पों से मैं सूक्ष्म शक्तिओं का अनुभव कर रही हूँ।
मीठे बच्चे! जागो! मेरे साथ बैठो। मीठे प्यारे बच्चे! तुम मेरे हो और मैं तुम्हारा हूँ। इस रूहानी सम्बंध की स्मृति तुम आत्मा को वरदानी शक्ति से भरपूर करती है। बापदादा केवलवाणी से ही वरदान नहीं देतेबल्कि बापदादा के प्यार भरे संकल्प भी तुम बच्चों को सर्वश्रेष्ठ प्राप्ति का अनुभव कराते हैं। मैं तुम्हारी पालना इन प्यार भरे सूक्ष्म संकल्पों से करता हूँ। मैं सूक्ष्मवतन में बैठ तुम विशेष बच्चों को परमात्म शक्ति से भरपूर कर देता हूँ।
बाबा से प्रेरणाऐ:
अपने मन को सर्व बातों से हटा कर बाबा में लगाऐं। बाबा है साइलेन्स का सागर। इस साइलेन्स में मैं बाबा से प्रेरणायुक्त और पवित्र सेवा के संकल्प ले रही हूँ।
बाबा से वरदान:
सूक्ष्म वतन में मीठे बाबा के सामने मेरा फरिश्ता स्वरूप साफदिखाई दे रहा है। बहुत प्यार व शक्तिशाली दृष्टि से बाबा मुझे वरदान दे रहे हैं –
बापददा के स्नेह और प्यार से तुम्हारे ज्ञान-योग के पंख भी विकसित जाते हैं। ये स्नेह के पंख तुम्हें एक सेकण्ड में इस स्थूल दुनिया और माया की परछाई से परे ले जाते हैं। ये पंख तुम्हें बेफिक्र स्थिति में उड़ाते हैं जहाँ तुम्हारा पुरुषार्थ एक मनोरंजन बन जाता है और तुम्हारी विजय निश्चित हो जाती है।
बेहद की सूक्ष्म सेवा: (आखिरी के पंद्रह मिनिट - प्रातः ४:४५ से ५:०० बजे तक)
बाबा द्वारा इस वरदान को अपने शुभ संकल्पों द्वारा, वरदाता बन, मैं पूरे विश्व को दान दे रही हूँ। अपनी फरिश्ता ड्रेस पहन कर मैं विश्व भ्रमण करते हुए सर्व आत्माओं को ये वरदान दे रही हूँ।
रात्रि सोने के पहले
आवाज़ की दुनिया के पार जा कर अपनी स्टेज को स्थिर बनाऐं। चेक करें की आज मैंने दिन भर में किसी बात की अवज्ञा तो नहीं की? अगर हाँ तो बाबा को बताऐं। किसी के मोह या आकर्षण मे बुद्धि तो नहीं फंसी? अपने कर्मो का चार्ट बनाऐं। तीस मिनिट के योग द्वारा किसी भी गलत कर्म के प्रभाव से स्वयं को मुक्त करें। अपने दिल को साफ और हल्का कर के सोऐं।
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