Om Shanti
Om Shanti
कम बोलो, धीरे बोलो, मीठा बोलो            सोच के बोलो, समझ के बोलो, सत्य बोलो            स्वमान में रहो, सम्मान दो             निमित्त बनो, निर्मान बनो, निर्मल बोलो             निराकारी, निर्विकारी, निरहंकारी बनो      शुभ सोचो, शुभ बोलो, शुभ करो, शुभ संकल्प रखो          न दुःख दो , न दुःख लो          शुक्रिया बाबा शुक्रिया, आपका लाख लाख पद्मगुना शुक्रिया !!! 

Amritology Point For December 25, 2014 (H&E)

For December 25, 2014

Joyful Soul Meeting the Seed of the Tree

Dec15
First Awareness
The moment I open my eyes, I realize: I am a soul. I descended from the Sweet Home of Light in order to give radiant light to the world.

Who am I?
I am the one who receives the supreme treasure of happiness. I attain everything I want. I dance in joy and ecstasy.

To whom do I Belong?
Soul converses with Baba:
Good morning sweet Baba. I feel there is a feast in front of me – a feast of all relationships with You. This feast is my birthright. I have a right to experience everything I need from You.

Baba converses with the Soul:
Sweet child, wake up! Sit down with Me. From the start of morning, use this treasure of joy and happiness, think over it – talk to yourself of happiness. The moment you open your eyes, the Creator of the World, the Bestower of gifts should appear before your mind’s eye. Come and meet me as the Seed of the Human World Tree. Within Me, the Seed, the entire Tree is contained.

Receiving Inspirations
I take a moment to quiet my chattering mind by focusing on Baba, the Ocean of Silence. In this silence, I receive from Baba pure, inspiring thoughts for service.

Receiving a Blessing from Baba
I manifest my angelic form before sweet Baba in the subtle regions. With much love and powerful drishti, pure vision, He gives me this blessing:
You switch on the light of your angelic awareness and the darkness of waste is dispelled in a second. Because you have learned the art of this switch you have become powerful and because you have become powerful, you have become a bestower for all of creation.

Unlimited Subtle Service (last 15 minutes)
I bestow on the world the blessing described above. I take this blessing from Baba and gift it to the whole world through my pure thoughts. With my angelic costume, I circle the earth globe and give this blessing to all souls.

Webinar Series

Amritology; Experiences of a Yogi

For soundtrack of Amritology's 1st webinar with Sister Jayanti of December 21st, click HERE.

Next Webinar: Saturday, December 27th

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headphone meditation

English Soundtrack with Amrit Vela points - 60min

For December 25th

Click HERE.

Hindi Soundtrack with Amrit Vela points - 60min

अमृत वेला के पॉइंट साज़ और आवाज़ से जुड़े ६० मिनट

(तीसरा सप्ताह – 25-12-2014)

अमृतवेला(तीसरा सप्ताह – 25-12-2014)
एक हर्षित आत्मा की कल्प वृक्ष के चैतन्य बीज से मुलाकात
पहली स्मृति
आँख खुलते ही संकल्प करेंकि मैं आत्मा हूँ मैं इस धरा को प्रकाशमय करने के लिये स्वीट लाइट के होम से अवतरित हुई हूँ
मैं कौन हूँ?
मैं वोआत्मा हूँ जिसेपरम खुशिओं का खजाना मिल गया है। मैने जो पाना था सो पा लिया है बाबा। आपका साथ पाकर मैं आत्मा खुशिओं में झूमती परमानंद का अनुभवकर रहीं हूँ।
मैं किसकी हूँ?
आत्मा की बाबा से रूहरिहान:
मीठे बाबा - गुड मॉर्निंग। मुझे अपने सामने एक मंगल मेला मनने का अहसास हो रहा है। यह सर्व सम्बंधों का मंगल मिलन मैं आपके साथ ही मना रहीं हूँ बाबा। यह मंगलमिलन मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है। ये अधिकार मुझे आपसे सर्व प्राप्तियों की अनुभूति करा रहा है।
बाबा की आत्मा से रूहरिहान:
मीठे बच्चे! जागो! मेरे साथ बैठो। सुबह की शुरुवात होते ही इन खुशी और आनंद के खजानों का उपयोग करो। विचार सागर मंथन कर स्वयं से आनंद-पूर्वक बातें करो। सुबह आँख खुलते ही, अंतरमन में, विश्‍व के रचियता, सौगातों के दाता-वरदाता को प्रत्यक्ष करो। बच्चों आओ और मुझ कल्प वृक्ष के इस बीज से मिलन मनाओ। मुझ बीज में सारे कल्प वृक्ष का सार समाया हुआ है।
बाबा से प्रेरणाऐ:
अपने मन को सर्व बातों से हटा कर बाबा में लगाऐं। बाबा है साइलेन्स का सागर। इस साइलेन्स में मैं बाबा से प्रेरणायुक्त और पवित्र सेवा के संकल्प ले रही हूँ।
सूक्ष्म वतन में मीठे बाबा के सामने मेरा फरिश्ता स्वरूप साफदिखाई दे रहा है। बहुत प्यार व शक्तिशाली दृष्टि से बाबा मुझे वरदान दे रहे हैं
तुम्हारी फरिश्ते स्वरूप की स्मृति का स्विच ऑन होते ही, एक सेकेंड में, अज्ञान का अंधकार दूर हो रहा है। यह स्विच ऑन करने की कला तुम्हे शक्तिशाली बना रही है। इस शक्तिशाली स्वरूप से तुम सारी सृष्‍टि की रचना के लिये वरदाता बनते जा रहे हो।
बेहद की सूक्ष्म सेवा: (आखिरी के पंद्रह मिनिट - प्रातः ४:४५ से ५:०० बजे तक)
बाबा द्वारा इस वरदान को अपने शुभ संकल्पों द्वारा, वरदाता बन, मैं पूरे विश्‍व को दान दे रही हूँ। अपनी फरिश्ता ड्रेस पहन कर मैं विश्‍व भ्रमण करते हुए सर्व आत्माओं को ये वरदान दे रही हूँ।
रात्रि सोने के पहले
आवाज़ की दुनिया के पार जा कर अपनी स्टेज को स्थिर बनाऐं। चेक करें की आज मैंने दिन भर में किसी बात की अवज्ञा तो नहीं की? अगर हाँ तो बाबा को बताऐं। किसी के मोह या आकर्षण मे बुद्धि तो नहीफंसी? अपने कर्मो का चार्ट बनाऐं। तीस मिनिट के योग द्वारा किसी भी गलत कर्म के प्रभाव से स्वयं को मुक्त करें। अपने दिल को साफ और हल्का कर के सोऐं।

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