Om Shanti
Om Shanti
कम बोलो, धीरे बोलो, मीठा बोलो            सोच के बोलो, समझ के बोलो, सत्य बोलो            स्वमान में रहो, सम्मान दो             निमित्त बनो, निर्मान बनो, निर्मल बोलो             निराकारी, निर्विकारी, निरहंकारी बनो      शुभ सोचो, शुभ बोलो, शुभ करो, शुभ संकल्प रखो          न दुःख दो , न दुःख लो          शुक्रिया बाबा शुक्रिया, आपका लाख लाख पद्मगुना शुक्रिया !!! 

10 JULY-2012 MURLI AND SWAMAAN


Swamaan / Sankalp / Slogan:  Swaroop  Bano
July 10, 2012:
हम इच्छा मात्रम अविद्या आत्माएँ अच्छे सच्चे बच्चे हैं ...
We, the souls, having no knowledge of desire, are the true and good children...
Hum ichchha maatram avidya atmaayen, achche sachche bachche hain...

 


ॐ शान्ति दिव्य फरिश्ते !!! विचार सागर मंथन: जुलाई १०२०१२
बाबा की महिमा: निराकार पतित पावन परमपिता परमात्मा शिव बाबा हैं...मेरा बाबा...प्यारा बाबा...मीठा बाबा...दयालु बाबा...कृपालु बाबा... सत बाप...सत टीचर...सत गुरु.. 

शिव महिमा :- मातपिता - बाप दादा - मीठा रूहानी शिवबाबा - उंचे ते उंचा शिवबाबा - रूद्र - चैतन्य - सत - ज्ञान का सागर पतित पावन सद्गति दाता - इश्वर - पतित पावन - राम निराकार परमपिता परमात्मा - बेहद का बाप - निराकार भगवान शिव - सर्व का सद्गति दाता - स्वर्ग का रचयिता - जो हमारे मातापिता बन्धुसखा स्वामीमालिक खुदादोस्त बालकवारिस है –

स्वमान और आत्मा अभ्यास: 
शिव सन्देश :- भगवान कहते है :- " हे वत्सो ! मैं नाम और रूप से न्यारा या सर्वव्यापी नहीं हूँ बल्कि मेरा नाम शिव है और मेरा अव्यक्त स्वरूप ज्योति बिंदु है ब्रह्मा विष्णु शंकर का भी रचयिता होने के कारण मैं त्रिमूर्ति भी कहलाता हूँ अब मैं प्रजापिता ब्रह्मा के तन में दिव्य प्रवेश करके पुन: सच्चा गीता ज्ञान और सहज राजयोग सिखा रहा हूँ और सतयुगी स्वराज्य की स्थापना करा रहा रहा हूँ अत्र: अब आप अपने को आत्मा समझ मुझे याद करो और पूर्ण पवित्र बन दिव्यगुण धारण कर राजयोगी बनो तो मैं आपको दैवी सुष्टि स्वर्ग में राज्य भाग्य का ईश्वरीय जन्म सिद्ध अधिकार दूंगा 

उँचे ते उंचा है शिवबाबा - जिस को शिव वा रूद्र भी कहा जाता है - बाप ब्रह्मा द्वरा समझा रहे है - वह चैतन्य है - सत है - ज्ञान का सागर पतित पावन सर्व का सद्गति दाता है - ज्ञान का सागर जरुर ज्ञान ही सुनायेंगे - बाप खुद अपना परिचय देते है माना परमात्मा ज्ञान दे रहे है - सुष्टि के आदि मध्य अन्त का ज्ञान अर्थार्त समझानी देते है इस को कहा जाता है ज्ञान - रचयिता और रचना का ज्ञान बाप के सिवाय कोई दे न शके - जिस ज्ञान से मनुष्य उंच ते उंच देवता पद प्राप्त करते है - अखंड अटल पवित्रता सुख शांति सम्पत्ति ही हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है - जो इस ज्ञान से फिर हम प्राप्त कर रहे है बेहद बाप द्वरा - जिस को सुखधाम वा स्वर्ग का वर्सा कहा जाता है - पावन बनाने वाला एक परमपिता परमात्मा निराकार राम है - अभी हम दैवी सम्प्रदाय वाले बन रहे है - यहाँ हम ज्ञान से ईश्वरीय गुणों को धारण करते है - ईश्वरीय गुण धारण कराने वाला एक निराकार शिवबाबा ही है - हम फिर से बेहद बाप से बेहद का वर्सा माना अपना जन्म सिद्ध अधिकार माना स्वराज्य ले रहे है - अभी हम सूर्यवंशी चन्द्रवंशी स्वराज्य प्राप्त कर रहे है - बाप से वर्सा लेने के लिए बाप को याद करना पड़े - बाप के सन्मुख मुरली सुन वर्सा लेना है - बाबा हमें ब्रह्मा मुख से सुना रहे है - जो बाप की गोद लेते वही ब्राहमण कहेलायेंगे - यह है ज्ञान यज्ञ माना पाठशाला - यह रूद्र ज्ञान यज्ञ - सुष्टि का अन्त माना सभी यज्ञों का अन्त - ज्ञान यज्ञ एक ही होता है - यह है बेहद का यज्ञ - आधा कल्प रामराज्य चलता है - आधा कल्प रावण राज्य चलता है - राम निराकार परमपिता परमात्मा को कहते है - जितना जितना समय बीतता जायेगा उतना उतना ज्ञान शोर्ट होता जायेगा सभी को वैराग्य आयेगा माना महाभारत की लड़ाई - १० वा ४ भुजायें वाले कोई मनुष्य होते नहीं है - बाप खुद आकर हमें सिखलाते है - तुम्हारा धन्धा ही रूहानी सर्विस का - तुम्हारा धंधा है पतितों को पावन बनाने का - बाप भी ज्ञान योग सिखलाने की एक्ट करते है - वही एक्ट वही एक्ट हमें भी करनी है - यह है बेहद का ड्रामा - हम आत्मायें घर से आती है - मनुष्य तन धारण कर पार्ट बजाती है - ८४ जन्मो को और ड्रामा को पूरा समझाना है - उँचे ते उंच बाप ही हमें वर्सा दे शकते है और कोई नहीं - अच्छी रीती पुरुषार्थ उंच पद लेना है सुखधाम में - तुम सुखधाम स्थापन करने वाले बाप से वर्सा पा रहे हो - हम जी ते जी बाप के बने है - यहाँ अलौकिक सबंध और पारलौकिक सबंध रहेता है - हम राम के बने है - हमने ८४ जन्म पूरे किये है - हम आत्मायें एक शरीर छोड़ दूसरा लेते है - ज्ञान सागर पतित पावन सद्गति दाता हमें ब्रह्मा द्वरा पढाते है - पढ़ती आत्मा है - बाप राय देते है अमुतवेले के समय अपने को आत्मा समझ बाप को याद करने से पापों की कट उतर जायेगी और तुम आत्मा अभिमानी बनते जायेंगे - बुद्धि से बाप को याद करना है - बेहद बाप को याद कर बेहद का स्वर्ग का वर्सा लेना है - भारत विश्व का मालिक था - अभी तुम सुखधाम के मालिक बन रहो - शिवबाबा जब आते है तब भगवानुवाच होता है - जिसको गीता ज्ञान कहते है - मौत सामने खड़ा है - यह दुनिया अभी बदल रही है - घर गृहस्थ में रहते कमल फूल समान पवित्र रह फिर साथ में ज्ञान का ७ दिन का कोर्ष उठाओ - रोज पढ़ना है - तुम हो शिवबाबा के पौत्रे और ब्रह्मा के बच्चे हो - बाप है स्वर्ग का रचयिता - बाप हमें स्वर्ग के वर्से के लिए राजयोग सिखला रहा है - ज्ञान में तीख जाना है - पढाई को गैलप करना है - 
स्वमान का आत्मा अभ्यास --- मैं आत्मा ईश्वरीय गुण वाला - बाप से अपना स्वराज्य लेने वाला - सर्व को ज्ञान और योग सिखाने की एक्ट वाला पतितों का पावन बनाने वाला - रूहानी सर्विस वाला - अटल अखंड पवित्रता सुख शांति सम्पत्ति के ईश्वरीय जन्म सिद्ध अधिकार वाला - एक परमात्मा राम से पावन बनने वाला - दैवी सम्प्रदाय वाला - बाप से गुणों को धारण करने वाला - सूर्यवंशी स्वराज्य वाला - बाप की याद से बाप से वर्सा लेने वाला बाप के समीप सन्मुख साथ वाला - ब्रह्मा मुख से बाप का ज्ञान सुनने वाला बाप की गोदी वाला ब्राहमण - विष्णु की राजाई माला का मनका - रूद्र माला का निराकारी मनका - पतितों का पावन बनाने का धन्धा वाला - ८४ जन्म वाला - ड्रामा के चक्र को पूरा समझने वाला - अच्छी रीती पुरुषार्थ करने वाला - जीते जी पूरे पूरा बाप का हूँ - अलौकिक पारलौकिक सबंध वाला - देहि अभिमानी - अमुर्तवेले अपने को आत्मा समझ बाप को याद करने वाला - बाप का लायक बच्चा - कमल फूल समान पवित्र - शिवबाबा का पौत्रा - ब्रह्मा का बच्चा - ब्रह्मा कुमार ब्रह्मा कुमारी - बाप से राजयोग का ज्ञान सिखने वाला - बाप का तीखा बच्चा - पढाई में गैलप करने वाला - सूर्यवंशी स्वराज्य वाला - पतित पावन बाप की याद वाला - बेहद बाप की याद वाला - वरदान :- मैं आत्मा देह अभिमान से सदा समर्पित रहने वाला महाबलवान विजयी - स्लोगन :- अच्छे वा बुरे के प्रभाव से परे जीवनमुक्त स्थिति वाला - मैं आत्मा स्वराज्य अधिकारी ज्वाला हूँ - मैं आत्मा स्वराज्य अधिकारी फरिश्ता हूँ - मैं आत्मा स्वराज्य अधिकारी बिंदी हूँ - मंगलवार - रूहानी आत्मिक प्यार का दिन - मैं आत्मा रूहानी बाप का रूहानी बच्चा हूँ - मैं आत्मा प्यार के सागर की सन्तान मास्टर प्यार का सागर हूँ - याद प्यार नमस्ते - हम आत्मायें मात पिता बापदादा का याद प्यार नमस्ते गुड मोर्निग गुड नाईट मुबारक वरदान स्वीकार करने वाला बाप का मीठा रूहानी सिकिल्धा बच्चा हूँ - हम बच्चों की मातपिता बापदादा को यादप्यार नमस्ते और गुडमोर्निग गुडनाईट - सुक्रिया बाबा आपका लाखगुणा पदमगुणा अरब खरब अक्षोनी टाइम सुक्रिया सुक्रिया सुक्रिया कमबोलो धीराबोलो मीठाबोलो सोचकेबोलो समजसेबोलो तोलकेबोलो सत्यबोलो स्वच्छबोलो साफबोलो सरलबोलो - स्वमान में रहो सन्मान दो - दुयाएँ दो दुयायें लो - निमितबनो निर्मानबनो निर्मलबनो - सारे दिन का रजिस्टर - पोतामेल और एकरस अवस्था की चेकिंग - याद का चार्ट - 

स्व का अभ्यास --- ज्ञान :- बाप से अपना स्वराज्य लेने वाला - बाप से राजयोग का ज्ञान सिख - अटल अखंड पवित्रता सुख शांति सम्पत्ति के ईश्वरीय जन्म सिद्ध अधिकार वाला - एक परमात्मा राम से पावन बनने वाला - ब्रह्मा मुख से बाप का ज्ञान सुनने वाला - अच्छी रीती पुरुषार्थ करने वाला - जीते जी पूरे पूरा बाप का हूँ - अलौकिक पारलौकिक सबंध वाला - शिवबाबा का पौत्रा - ब्रह्मा का बच्चा - बाप की गोदी वाला ब्राहमण - ब्रह्मा कुमार ब्रह्मा कुमारी - योग :- बाप की याद से बाप से वर्सा लेने वाला बाप के समीप सन्मुख साथ वाला - रूद्र माला का निराकारी मनका - देहि अभिमानी - अमुर्तवेले अपने को आत्मा समझ बाप को याद करने वाला - निराकार की याद वाला - पतित पावन बाप की याद वाला - सद्गति दाता की याद वाला - एक राम की याद वाला - सर्व सबंध की याद वाला - परमपिता परमात्मा का अलौकिक पारलौकिक गोदी का बच्चा - धारणा :- बाप से गुणों को धारण करने वाला - ईश्वरीय गुण वाला - ८४ जन्म वाला - बाप का लायक बच्चा - कमल फूल समान पवित्र - दैवी सम्प्रदाय वाला - सूर्यवंशी स्वराज्य वाला -विष्णु की राजाई माला का मनका - सेवा :- रूहानी सर्विस वाला - सर्व को ज्ञान और योग सिखाने की एक्ट वाला - पतितों का पावन बनाने वाला - पतितों का पावन बनाने का धन्धा वाला - देह अभिमान से सदा समर्पित रहने वाला महाबलवान विजयी - अच्छे वा बुरे के प्रभाव से परे जीवनमुक्त स्थिति वाला - सम्पूर्ण स्वराज्य वाली ज्वाला - सम्पूर्ण स्वराज्य वाला फरिश्ता - सम्पूर्ण स्वराज्य अधिकारी बिंदी -

 
Country for Mansa Seva on 10 July 2012 * Mauritania *


Capital (and largest city) Nouakchott
Official language(s) Arabic... Recognised national languages French[1]
Vernacular Hassaniya, Fula, Wolof
Demonym Mauritanian
Government Islamic republic
-Legislature Parliament- Upper house Senate - Lower house National Assembly
Independence - from France 28 November 1960
Area - Total 1,030,700 km2 (29th) 397,954 sq mi
Population: - 2009 estimate 3,069,000 (135th)


10-7-2012:

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - तुम्हें अब आसुरी अवगुण निकाल ईश्वरीय गुण धारण करने हैंबाप से अपना 21 जन्मों का स्वराज्य लेना है'' प्रश्नबाप की कौन सी एक्ट चलती है जो तुम बच्चों की भी होनी चाहिएउत्तरबाप की एक्ट है सभी को ज्ञान और योग सिखलाने की। यही एक्ट तुम बच्चों को भी करनी है। पतितों को पावन बनाना है। तुम्हारा धन्धा ही है रूहानी सर्विस करना। कोई-कोई बच्चे शरीरछोड़कर जाते हैं फिर नया शरीर ले यही मेहनत करते हैं। दिन-प्रतिदिन तुम्हारी सर्विस बढ़ती जायेगी। गीत:- ओम् नमो शिवाए...
धारणा के लिए मुख्य सार:
1) 
अमृतवेले उठ बाप को प्यार से याद कर आत्म-अभिमानी बनने की मेहनत करनी है। याद के बल से विकारों की कट उतारनी है।
2) 
घर गृहस्थ में रहते कमल फूल समान बनने का कोर्स उठाना है। हर एक की रग अथवा लगन देखकर ज्ञान देना है। वरदानदेह-अभिमान के अंशमात्र की भी बलि चढ़ाने वाले महाबलवान भव सबसे बड़ी कमजोरी है देह-अभिमान। देह-अभिमान का सूक्ष्म वंश बहुत बड़ा है। देह-अभिमान की बलि चढ़ाना अर्थात् अंश और वंश सहित समर्पित होना। ऐसे बलि चढ़ाने वाले ही महाबलवानबनते हैं। यदि देह अभिमान का कोई भी अंश छिपाकर रख लियाअभिमान को ही स्वमान समझ लिया तो उसमें अल्पकाल की विजय भल दिखाई देगी लेकिन बहुतकाल की हार समाई हुई है। स्लोगनइच्छा नहीं थी लेकिन अच्छा लग गया-यह भी जीवनबंध स्थिति है।

10-7-2012:
Essence: Sweet children, you now have to remove devilish defects and imbibe Godly virtues. Claim self-sovereignty from the Father for 21 births.Question: Which of the Father's acts should also be your acts?Answer: The Father's act is to teach everyone knowledge and yoga. You children must also perform this act. You have to purify the impure. Your business is to do spiritual service. Some children leave the body but then take a new body and carry on with this effort. Day by day, your service will continue to increase.
Song: Salutations to Shiva.
Essence for dharna: 
1. Awaken at amrit vela and remember the Father with a lot of love and make effort to be soul conscious. Remove the rust of vices with the power of remembrance.
2. Whilst staying in your household, take the course to become like a lotus flower. Feel their pulse and see their keenness and then give knowledge.
Blessing: May you be a greatly powerful soul who sacrifices even the slightest trace of body consciousness.
The biggest weakness is that of body consciousness. A subtle progeny of body consciousness is very big. To sacrifice body consciousness means to surrender yourself and all trace and creation of it. Only those who make such a sacrifice are said to be greatly powerful. If you have kept any trace of body consciousness secretly hidden, or you consider arrogance to be self-respect, then, although you would be able to see temporary victory, defeat over a long period of time would be merged in that.
Slogan: You didn’t have a desire (ichcha), but you liked it (achcha). This too is the stage of a life of bondage.

10 JULY-2012 MURLI AND SWAMAAN


Swamaan / Sankalp / Slogan:  Swaroop  Bano
July 10, 2012:
हम इच्छा मात्रम अविद्या आत्माएँ अच्छे सच्चे बच्चे हैं ...
We, the souls, having no knowledge of desire, are the true and good children...
Hum ichchha maatram avidya atmaayen, achche sachche bachche hain...

 


ॐ शान्ति दिव्य फरिश्ते !!! विचार सागर मंथन: जुलाई १०२०१२
बाबा की महिमा: निराकार पतित पावन परमपिता परमात्मा शिव बाबा हैं...मेरा बाबा...प्यारा बाबा...मीठा बाबा...दयालु बाबा...कृपालु बाबा... सत बाप...सत टीचर...सत गुरु.. 

शिव महिमा :- मातपिता - बाप दादा - मीठा रूहानी शिवबाबा - उंचे ते उंचा शिवबाबा - रूद्र - चैतन्य - सत - ज्ञान का सागर पतित पावन सद्गति दाता - इश्वर - पतित पावन - राम निराकार परमपिता परमात्मा - बेहद का बाप - निराकार भगवान शिव - सर्व का सद्गति दाता - स्वर्ग का रचयिता - जो हमारे मातापिता बन्धुसखा स्वामीमालिक खुदादोस्त बालकवारिस है –

स्वमान और आत्मा अभ्यास: 
शिव सन्देश :- भगवान कहते है :- " हे वत्सो ! मैं नाम और रूप से न्यारा या सर्वव्यापी नहीं हूँ बल्कि मेरा नाम शिव है और मेरा अव्यक्त स्वरूप ज्योति बिंदु है ब्रह्मा विष्णु शंकर का भी रचयिता होने के कारण मैं त्रिमूर्ति भी कहलाता हूँ अब मैं प्रजापिता ब्रह्मा के तन में दिव्य प्रवेश करके पुन: सच्चा गीता ज्ञान और सहज राजयोग सिखा रहा हूँ और सतयुगी स्वराज्य की स्थापना करा रहा रहा हूँ अत्र: अब आप अपने को आत्मा समझ मुझे याद करो और पूर्ण पवित्र बन दिव्यगुण धारण कर राजयोगी बनो तो मैं आपको दैवी सुष्टि स्वर्ग में राज्य भाग्य का ईश्वरीय जन्म सिद्ध अधिकार दूंगा 

उँचे ते उंचा है शिवबाबा - जिस को शिव वा रूद्र भी कहा जाता है - बाप ब्रह्मा द्वरा समझा रहे है - वह चैतन्य है - सत है - ज्ञान का सागर पतित पावन सर्व का सद्गति दाता है - ज्ञान का सागर जरुर ज्ञान ही सुनायेंगे - बाप खुद अपना परिचय देते है माना परमात्मा ज्ञान दे रहे है - सुष्टि के आदि मध्य अन्त का ज्ञान अर्थार्त समझानी देते है इस को कहा जाता है ज्ञान - रचयिता और रचना का ज्ञान बाप के सिवाय कोई दे न शके - जिस ज्ञान से मनुष्य उंच ते उंच देवता पद प्राप्त करते है - अखंड अटल पवित्रता सुख शांति सम्पत्ति ही हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है - जो इस ज्ञान से फिर हम प्राप्त कर रहे है बेहद बाप द्वरा - जिस को सुखधाम वा स्वर्ग का वर्सा कहा जाता है - पावन बनाने वाला एक परमपिता परमात्मा निराकार राम है - अभी हम दैवी सम्प्रदाय वाले बन रहे है - यहाँ हम ज्ञान से ईश्वरीय गुणों को धारण करते है - ईश्वरीय गुण धारण कराने वाला एक निराकार शिवबाबा ही है - हम फिर से बेहद बाप से बेहद का वर्सा माना अपना जन्म सिद्ध अधिकार माना स्वराज्य ले रहे है - अभी हम सूर्यवंशी चन्द्रवंशी स्वराज्य प्राप्त कर रहे है - बाप से वर्सा लेने के लिए बाप को याद करना पड़े - बाप के सन्मुख मुरली सुन वर्सा लेना है - बाबा हमें ब्रह्मा मुख से सुना रहे है - जो बाप की गोद लेते वही ब्राहमण कहेलायेंगे - यह है ज्ञान यज्ञ माना पाठशाला - यह रूद्र ज्ञान यज्ञ - सुष्टि का अन्त माना सभी यज्ञों का अन्त - ज्ञान यज्ञ एक ही होता है - यह है बेहद का यज्ञ - आधा कल्प रामराज्य चलता है - आधा कल्प रावण राज्य चलता है - राम निराकार परमपिता परमात्मा को कहते है - जितना जितना समय बीतता जायेगा उतना उतना ज्ञान शोर्ट होता जायेगा सभी को वैराग्य आयेगा माना महाभारत की लड़ाई - १० वा ४ भुजायें वाले कोई मनुष्य होते नहीं है - बाप खुद आकर हमें सिखलाते है - तुम्हारा धन्धा ही रूहानी सर्विस का - तुम्हारा धंधा है पतितों को पावन बनाने का - बाप भी ज्ञान योग सिखलाने की एक्ट करते है - वही एक्ट वही एक्ट हमें भी करनी है - यह है बेहद का ड्रामा - हम आत्मायें घर से आती है - मनुष्य तन धारण कर पार्ट बजाती है - ८४ जन्मो को और ड्रामा को पूरा समझाना है - उँचे ते उंच बाप ही हमें वर्सा दे शकते है और कोई नहीं - अच्छी रीती पुरुषार्थ उंच पद लेना है सुखधाम में - तुम सुखधाम स्थापन करने वाले बाप से वर्सा पा रहे हो - हम जी ते जी बाप के बने है - यहाँ अलौकिक सबंध और पारलौकिक सबंध रहेता है - हम राम के बने है - हमने ८४ जन्म पूरे किये है - हम आत्मायें एक शरीर छोड़ दूसरा लेते है - ज्ञान सागर पतित पावन सद्गति दाता हमें ब्रह्मा द्वरा पढाते है - पढ़ती आत्मा है - बाप राय देते है अमुतवेले के समय अपने को आत्मा समझ बाप को याद करने से पापों की कट उतर जायेगी और तुम आत्मा अभिमानी बनते जायेंगे - बुद्धि से बाप को याद करना है - बेहद बाप को याद कर बेहद का स्वर्ग का वर्सा लेना है - भारत विश्व का मालिक था - अभी तुम सुखधाम के मालिक बन रहो - शिवबाबा जब आते है तब भगवानुवाच होता है - जिसको गीता ज्ञान कहते है - मौत सामने खड़ा है - यह दुनिया अभी बदल रही है - घर गृहस्थ में रहते कमल फूल समान पवित्र रह फिर साथ में ज्ञान का ७ दिन का कोर्ष उठाओ - रोज पढ़ना है - तुम हो शिवबाबा के पौत्रे और ब्रह्मा के बच्चे हो - बाप है स्वर्ग का रचयिता - बाप हमें स्वर्ग के वर्से के लिए राजयोग सिखला रहा है - ज्ञान में तीख जाना है - पढाई को गैलप करना है - 
स्वमान का आत्मा अभ्यास --- मैं आत्मा ईश्वरीय गुण वाला - बाप से अपना स्वराज्य लेने वाला - सर्व को ज्ञान और योग सिखाने की एक्ट वाला पतितों का पावन बनाने वाला - रूहानी सर्विस वाला - अटल अखंड पवित्रता सुख शांति सम्पत्ति के ईश्वरीय जन्म सिद्ध अधिकार वाला - एक परमात्मा राम से पावन बनने वाला - दैवी सम्प्रदाय वाला - बाप से गुणों को धारण करने वाला - सूर्यवंशी स्वराज्य वाला - बाप की याद से बाप से वर्सा लेने वाला बाप के समीप सन्मुख साथ वाला - ब्रह्मा मुख से बाप का ज्ञान सुनने वाला बाप की गोदी वाला ब्राहमण - विष्णु की राजाई माला का मनका - रूद्र माला का निराकारी मनका - पतितों का पावन बनाने का धन्धा वाला - ८४ जन्म वाला - ड्रामा के चक्र को पूरा समझने वाला - अच्छी रीती पुरुषार्थ करने वाला - जीते जी पूरे पूरा बाप का हूँ - अलौकिक पारलौकिक सबंध वाला - देहि अभिमानी - अमुर्तवेले अपने को आत्मा समझ बाप को याद करने वाला - बाप का लायक बच्चा - कमल फूल समान पवित्र - शिवबाबा का पौत्रा - ब्रह्मा का बच्चा - ब्रह्मा कुमार ब्रह्मा कुमारी - बाप से राजयोग का ज्ञान सिखने वाला - बाप का तीखा बच्चा - पढाई में गैलप करने वाला - सूर्यवंशी स्वराज्य वाला - पतित पावन बाप की याद वाला - बेहद बाप की याद वाला - वरदान :- मैं आत्मा देह अभिमान से सदा समर्पित रहने वाला महाबलवान विजयी - स्लोगन :- अच्छे वा बुरे के प्रभाव से परे जीवनमुक्त स्थिति वाला - मैं आत्मा स्वराज्य अधिकारी ज्वाला हूँ - मैं आत्मा स्वराज्य अधिकारी फरिश्ता हूँ - मैं आत्मा स्वराज्य अधिकारी बिंदी हूँ - मंगलवार - रूहानी आत्मिक प्यार का दिन - मैं आत्मा रूहानी बाप का रूहानी बच्चा हूँ - मैं आत्मा प्यार के सागर की सन्तान मास्टर प्यार का सागर हूँ - याद प्यार नमस्ते - हम आत्मायें मात पिता बापदादा का याद प्यार नमस्ते गुड मोर्निग गुड नाईट मुबारक वरदान स्वीकार करने वाला बाप का मीठा रूहानी सिकिल्धा बच्चा हूँ - हम बच्चों की मातपिता बापदादा को यादप्यार नमस्ते और गुडमोर्निग गुडनाईट - सुक्रिया बाबा आपका लाखगुणा पदमगुणा अरब खरब अक्षोनी टाइम सुक्रिया सुक्रिया सुक्रिया कमबोलो धीराबोलो मीठाबोलो सोचकेबोलो समजसेबोलो तोलकेबोलो सत्यबोलो स्वच्छबोलो साफबोलो सरलबोलो - स्वमान में रहो सन्मान दो - दुयाएँ दो दुयायें लो - निमितबनो निर्मानबनो निर्मलबनो - सारे दिन का रजिस्टर - पोतामेल और एकरस अवस्था की चेकिंग - याद का चार्ट - 

स्व का अभ्यास --- ज्ञान :- बाप से अपना स्वराज्य लेने वाला - बाप से राजयोग का ज्ञान सिख - अटल अखंड पवित्रता सुख शांति सम्पत्ति के ईश्वरीय जन्म सिद्ध अधिकार वाला - एक परमात्मा राम से पावन बनने वाला - ब्रह्मा मुख से बाप का ज्ञान सुनने वाला - अच्छी रीती पुरुषार्थ करने वाला - जीते जी पूरे पूरा बाप का हूँ - अलौकिक पारलौकिक सबंध वाला - शिवबाबा का पौत्रा - ब्रह्मा का बच्चा - बाप की गोदी वाला ब्राहमण - ब्रह्मा कुमार ब्रह्मा कुमारी - योग :- बाप की याद से बाप से वर्सा लेने वाला बाप के समीप सन्मुख साथ वाला - रूद्र माला का निराकारी मनका - देहि अभिमानी - अमुर्तवेले अपने को आत्मा समझ बाप को याद करने वाला - निराकार की याद वाला - पतित पावन बाप की याद वाला - सद्गति दाता की याद वाला - एक राम की याद वाला - सर्व सबंध की याद वाला - परमपिता परमात्मा का अलौकिक पारलौकिक गोदी का बच्चा - धारणा :- बाप से गुणों को धारण करने वाला - ईश्वरीय गुण वाला - ८४ जन्म वाला - बाप का लायक बच्चा - कमल फूल समान पवित्र - दैवी सम्प्रदाय वाला - सूर्यवंशी स्वराज्य वाला -विष्णु की राजाई माला का मनका - सेवा :- रूहानी सर्विस वाला - सर्व को ज्ञान और योग सिखाने की एक्ट वाला - पतितों का पावन बनाने वाला - पतितों का पावन बनाने का धन्धा वाला - देह अभिमान से सदा समर्पित रहने वाला महाबलवान विजयी - अच्छे वा बुरे के प्रभाव से परे जीवनमुक्त स्थिति वाला - सम्पूर्ण स्वराज्य वाली ज्वाला - सम्पूर्ण स्वराज्य वाला फरिश्ता - सम्पूर्ण स्वराज्य अधिकारी बिंदी -

 
Country for Mansa Seva on 10 July 2012 * Mauritania *


Capital (and largest city) Nouakchott
Official language(s) Arabic... Recognised national languages French[1]
Vernacular Hassaniya, Fula, Wolof
Demonym Mauritanian
Government Islamic republic
-Legislature Parliament- Upper house Senate - Lower house National Assembly
Independence - from France 28 November 1960
Area - Total 1,030,700 km2 (29th) 397,954 sq mi
Population: - 2009 estimate 3,069,000 (135th)


10-7-2012:

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - तुम्हें अब आसुरी अवगुण निकाल ईश्वरीय गुण धारण करने हैंबाप से अपना 21 जन्मों का स्वराज्य लेना है'' प्रश्नबाप की कौन सी एक्ट चलती है जो तुम बच्चों की भी होनी चाहिएउत्तरबाप की एक्ट है सभी को ज्ञान और योग सिखलाने की। यही एक्ट तुम बच्चों को भी करनी है। पतितों को पावन बनाना है। तुम्हारा धन्धा ही है रूहानी सर्विस करना। कोई-कोई बच्चे शरीरछोड़कर जाते हैं फिर नया शरीर ले यही मेहनत करते हैं। दिन-प्रतिदिन तुम्हारी सर्विस बढ़ती जायेगी। गीत:- ओम् नमो शिवाए...
धारणा के लिए मुख्य सार:
1) 
अमृतवेले उठ बाप को प्यार से याद कर आत्म-अभिमानी बनने की मेहनत करनी है। याद के बल से विकारों की कट उतारनी है।
2) 
घर गृहस्थ में रहते कमल फूल समान बनने का कोर्स उठाना है। हर एक की रग अथवा लगन देखकर ज्ञान देना है। वरदानदेह-अभिमान के अंशमात्र की भी बलि चढ़ाने वाले महाबलवान भव सबसे बड़ी कमजोरी है देह-अभिमान। देह-अभिमान का सूक्ष्म वंश बहुत बड़ा है। देह-अभिमान की बलि चढ़ाना अर्थात् अंश और वंश सहित समर्पित होना। ऐसे बलि चढ़ाने वाले ही महाबलवानबनते हैं। यदि देह अभिमान का कोई भी अंश छिपाकर रख लियाअभिमान को ही स्वमान समझ लिया तो उसमें अल्पकाल की विजय भल दिखाई देगी लेकिन बहुतकाल की हार समाई हुई है। स्लोगनइच्छा नहीं थी लेकिन अच्छा लग गया-यह भी जीवनबंध स्थिति है।

10-7-2012:
Essence: Sweet children, you now have to remove devilish defects and imbibe Godly virtues. Claim self-sovereignty from the Father for 21 births.Question: Which of the Father's acts should also be your acts?Answer: The Father's act is to teach everyone knowledge and yoga. You children must also perform this act. You have to purify the impure. Your business is to do spiritual service. Some children leave the body but then take a new body and carry on with this effort. Day by day, your service will continue to increase.
Song: Salutations to Shiva.
Essence for dharna: 
1. Awaken at amrit vela and remember the Father with a lot of love and make effort to be soul conscious. Remove the rust of vices with the power of remembrance.
2. Whilst staying in your household, take the course to become like a lotus flower. Feel their pulse and see their keenness and then give knowledge.
Blessing: May you be a greatly powerful soul who sacrifices even the slightest trace of body consciousness.
The biggest weakness is that of body consciousness. A subtle progeny of body consciousness is very big. To sacrifice body consciousness means to surrender yourself and all trace and creation of it. Only those who make such a sacrifice are said to be greatly powerful. If you have kept any trace of body consciousness secretly hidden, or you consider arrogance to be self-respect, then, although you would be able to see temporary victory, defeat over a long period of time would be merged in that.
Slogan: You didn’t have a desire (ichcha), but you liked it (achcha). This too is the stage of a life of bondage.

9-7-2012 MURLI HINDI AND ENGLISH



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