Murli of Sep 24, 2012
[24-09-2012]
मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - यह पूज्य और पुजारी, ज्ञान और भक्ति का वन्डरफुल खेल है, तुम्हें अब फिर से सतोप्रधान पूज्य बनना है, पतितपने की निशानी भी समाप्त करनी है''
प्रश्न: बाप जब आते हैं तो कौन सा एक तराजू बच्चों को दिखाते हैं?
Murli of Sep 22, 2012
[22-09-2012]
मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - यह रावण की शोकवाटिका है, जिसमें सब दु:खी हैं, अभी तुम रावण को भगा रहे हो फिर जय-जयकार हो जायेगी, सब अशोकवाटिका में चले जायेंगे''
प्रश्न: प्रजा में भी ऊंच पद किस आधार पर प्राप्त हो सकता है, उसका मिसाल कौन सा है?
Dadi Janki – GCH – 18th September 2012 Don’t Say: “How”, Say: “Now”
Dadi Janki – GCH – 18th September 2012
Don’t Say: “How”, Say: “Now”
There is so much difference between the words, “how” and “now”. With “now” the path becomes clear and time is used in a worthwhile way, and in “how” time is wasted. When we say now, faith and trust increase and we receive co-operation. Always be ready and prepared.
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