Om Shanti
Om Shanti
कम बोलो, धीरे बोलो, मीठा बोलो            सोच के बोलो, समझ के बोलो, सत्य बोलो            स्वमान में रहो, सम्मान दो             निमित्त बनो, निर्मान बनो, निर्मल बोलो             निराकारी, निर्विकारी, निरहंकारी बनो      शुभ सोचो, शुभ बोलो, शुभ करो, शुभ संकल्प रखो          न दुःख दो , न दुःख लो          शुक्रिया बाबा शुक्रिया, आपका लाख लाख पद्मगुना शुक्रिया !!! 

Om Shanti Media Sep II, 2012


Om Shanti Media Sep II, 2012
Size 10 MB
Formet - PDF

Murli of Sep 24, 2012

[24-09-2012]

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - यह पूज्य और पुजारी, ज्ञान और भक्ति का वन्डरफुल खेल है, तुम्हें अब फिर से सतोप्रधान पूज्य बनना है, पतितपने की निशानी भी समाप्त करनी है''
प्रश्न: बाप जब आते हैं तो कौन सा एक तराजू बच्चों को दिखाते हैं? 

Swmaan Mala


Murli of Sep 22, 2012


[22-09-2012]

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - यह रावण की शोकवाटिका है, जिसमें सब दु:खी हैं, अभी तुम रावण को भगा रहे हो फिर जय-जयकार हो जायेगी, सब अशोकवाटिका में चले जायेंगे''
प्रश्न: प्रजा में भी ऊंच पद किस आधार पर प्राप्त हो सकता है, उसका मिसाल कौन सा है? 

Dadi Janki – GCH – 18th September 2012 Don’t Say: “How”, Say: “Now”


Dadi Janki – GCH – 18th September 2012
Don’t Say: “How”, Say: “Now”
 
There is so much difference between the words, “how” and “now”.  With “now” the path becomes clear and time is used in a worthwhile way, and in “how” time is wasted.  When we say now, faith and trust increase and we receive co-operation.  Always be ready and prepared.

आओ अच्छे शब्द चुने


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