Om Shanti
Om Shanti
कम बोलो, धीरे बोलो, मीठा बोलो            सोच के बोलो, समझ के बोलो, सत्य बोलो            स्वमान में रहो, सम्मान दो             निमित्त बनो, निर्मान बनो, निर्मल बोलो             निराकारी, निर्विकारी, निरहंकारी बनो      शुभ सोचो, शुभ बोलो, शुभ करो, शुभ संकल्प रखो          न दुःख दो , न दुःख लो          शुक्रिया बाबा शुक्रिया, आपका लाख लाख पद्मगुना शुक्रिया !!! 

Essence of Murli (H&E): August 03, 2014


Essence of Murli (H&E): August 03, 2014: 

Revised from  01/12/78  

“The key to all treasures is constantly to belong to and remember the One (Eknami).”

 Blessing: May you be filled with determination and with the speciality of contentment, be successful in even the most difficult paper.

 
Contentment is the special qualification of Brahmins. To remain content with whatever part you have received is to move forward. No matter what fluctuation there is, even if someone insults you, children of the Bestower can never be discontent in any situation. They would be content with themselves and content with others. For this, have the determined thought that, no matter how difficult a paper comes in front of you is, you definitely have to remain content and you will continue to be successful in that.

 
Slogan: Those who constantly have the Sun of Happiness खुशी का सूर्य rising in their hearts have the fortune of happiness. खुशनुम:

 



रिवाइज:01-12-78

 
सर्व खजानों की चाबी - एकनामी बनना

 
वरदान:-  सन्तुष्टता की विशेषता द्वारा हर कड़े पेपर में भी सफल होने वाले दृढ़ता सम्पन्न भव !

 

सन्तुष्टता ब्राह्मणों का विशेष लक्षण है । जो भी पार्ट मिला है उसमें सन्तुष्ट रहना ही आगे बढ़ना है । कुछ भी नीचे ऊपर हो जाए, कोई इनसल्ट भी कर दे, लेकिन दाता के बच्चे कभी किसी बात में असन्तुष्ट नहीं हो सकते । वे स्वयं से भी सन्तुष्ट और औरों से भी सन्तुष्ट होंगे । इसके लिए दृढ़ता सम्पन्न संकल्प करो कि कितना भी कड़ा पेपर आ जाए लेकिन मुझे सन्तुष्ट रहना ही है तो सफल होते रहेंगे ।

 

स्लोगन:-  खुशनुम: वह है जिसके दिल में सदा खुशी का सूर्य उदय रहता है ।  

 

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