Om Shanti
Om Shanti
कम बोलो, धीरे बोलो, मीठा बोलो            सोच के बोलो, समझ के बोलो, सत्य बोलो            स्वमान में रहो, सम्मान दो             निमित्त बनो, निर्मान बनो, निर्मल बोलो             निराकारी, निर्विकारी, निरहंकारी बनो      शुभ सोचो, शुभ बोलो, शुभ करो, शुभ संकल्प रखो          न दुःख दो , न दुःख लो          शुक्रिया बाबा शुक्रिया, आपका लाख लाख पद्मगुना शुक्रिया !!! 

Points to Churn from the Murli of September 27, 2012 & विचार सागर मंथन: सितंबर २७, २०१२ & Murli Essence

Swamaan / Sankalp / Slogan: Swaroop Bano

September 27, 2012:

हम आत्माएँ, अटेन्शन से सेवा करनेवाले टेन्शन फ्री सेवाधारी हैं ...

By serving with attention, we, the souls, become servers free of tension...

Hum atmaayen, atenshan se seva karnewale tenshan free sevadhaari hain...


Points are in 3 languages: Hindi, English and Hinglish (Hindi written in English Script) Please scroll down to the language of your choice.



मीडिया कॉन्फ्रेंस


Media Conference & Exhibition – 2012
Conclusion & Resolution - hindi



Media Conference & Exhibition – 2012 Conclusion & Resolution


Media Conference & Exhibition – 2012
Conclusion & Resolution
A 4-day Media Conference & Exhibition-2012 on “Restoring Golden Era: Role of Media” was organized by the Media Wing of Rajyoga Education & Research Foundation and Prajapita Brahma Kumaris Iswariya Vishwa Vidyalaya at latter’s Shantivan Complex, Abu Road, Rajasthan from 21st to 24th September, 2012 Over 1800 journalists, media professionals and academicians representing print, electronic, film, cyber and promotional media from all over India & Nepal attended this Mega Media Meet. Deliberating through five open sessions, five parallel sessions and after undergoing inner empowerment experiences in two insight sessions and three rajyoga meditation sessions, the conference delegates and dignitaries arrived at the following conclusions and resolution.

Murli of Sep 27, 2012

[27-09-2012]

मीठे बच्चे - बाप सामान पतितो को पावन बनाने का पुरुषार्थ करोयह समय बहुत वलुँब्ले है, इसलिए व्यर्थ बातो में अपना समय बरबाद मत करो.

प्रश्न : बाप बच्चो की किस एक बात पैर बहुत तरस खाते है ?

उत्तर : कई बच्चे आपस में जर्मुई जगमुही का अपना समय बहुत गवाते है | घुमने फिरने जाते है तो बो को याद करने के बजाए व्यर्थ चिंतन करते हैं। बाप को उन बच्चों पर बहुत तरस पड़ता है। बाबा कहते मीठे बच्चे - अब अपनी जीवन सुधार लो। व्यर्थ समय नहीं गँवाओ। तमोप्रधान से सतोप्रधान बनने के लिए सच्ची दिल से बाप को युक्तियुक्त याद करो, लाचारी याद नहीं करो।

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Bk deepak
Sriganganagar
Rajasthan

Murli of sep 26, 2012

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - तुम फिर से राजयोग सीख रहे हो, तुम्हें भगवान फिर से पढ़ाते हैं, तुम राजाई के लिए यह पढ़ाई पढ़ रहे हो, अपनी एम-आब्जेक्ट सदा याद रखो'' 
प्रश्न: अभी तुम बच्चे कौन सी तैयारी बहुत खुशी से कर रहे हो?
उत्तर: तुम अपना यह पुराना शरीर छोड़ बाप के पास जाने की तैयारी बहुत खुशी-खुशी से कर रहे हो। एक बाप की ही याद में शरीर छूटे, घुटका न खाना पड़े- ऐसी प्रैक्टिस यहाँ ही करनी है। तुम्हारी अभी स्टूडेन्ट लाइफ बेपरवाह लाइफ है, इसलिए घुटका प्रूफ बनना है।

Subh Bhavna And Subh Kamna

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