Labh
Pancham
Swamaan /
Sankalp / Slogan: Swaroop Bano
November 18, 2012:
हम आसुरी संस्कारों को समाप्त करनेवाली महाकाली स्वरूप
आत्माएँ, महारथी, महादानी,
महाज्ञानी हैं...
We, the
souls, finishing all devilish sanskars in the form of Mahakali, are Maharathis,
Mahadani (great donors) and Mahagyani (greatly enlightened)...
Hum aasuri
sanskaaron ko samaapt karnewali mahakaali swaroop atmaayen, maharathi,
mahadaani, mahagyani hain...
Points to Churn from the Murli of November 18, 2012
Praise of Baba:
The Ocean of Knowledge, the Incorporeal Purifier, the Supreme Father, and the Supreme Soul Shiv Baba is.... My Baba...Sweet Baba...Loving Baba...Kind-hearted Baba...Compassionate Baba...the True Father...the True Teacher...the Unlimited Father...
Points of Self-Respect and Soul Study:
ॐ शान्ति दिव्य फरिश्ते !!!
विचार सागर मंथन: नवंबर 18, 2012
बाबा की महिमा:
ज्ञान के सागर पतित पावन निराकार परमपिता परमात्मा शिव बाबा हैं...मेरा बाबा...प्यारा बाबा...मीठा बाबा...दयालु बाबा...कृपालु बाबा... सत बाप...सत टीचर...सत गुरु... बेहद का बाप...
स्वमान और आत्मा अभ्यास :
1. हम आत्माएँ, ब्राह्मण कुल का श्रृंगार, सर्व आत्माओं के बीच विशेष चमकते हुए सितारे, अपने घर का श्रृंगार हैं...विश्व के ड्रामा के अंदर हीरो पार्ट धारी, विशेष पार्ट बजानेवाली विशेष आत्माएँ, विश्व के श्रृंगार हैं......
2. हम आत्माएँ, बाप के सिर का ताज, चमकती हुई मणियाँ, गले के हार बच्चे, बाप-दादा के श्रृंगार हैं...बाप समान, मास्टर ज्ञान सूर्य समान चमकनेवाले, अपने सर्व शक्ति किरणें चारों और बेहद विश्व में फैलानेवाले, सर्व गुणों के मास्टर सागर हैं...
सर्व रंगो में समाए हुए, सर्व रंगो की झलक वाले, सर्व रंगत में चमकते हुए, मस्तक बीच लटक ते हुए, ताज की श्रेष्ठ शोभा हैं... साकार रूप में आत्मा स्वरूप में सदा स्थित रहनेवाले, साकार सृष्टि में रहते हुए बुद्धि सदा बाप की याद , घर की याद, राजधानी की याद और ईश्वरीय सेवा में लटकाने वाले, मस्तक मणियाँ हैं...
ऊँची स्मृति, ऊँची वृति, ऊँची दृष्टि और ऊँची प्रवृत्ति में रहकर, सिर का ताज का ऊँच स्थान प्राप्त करनेवाले, ताज के ऊँच श्रृंगार हैं... ऊँचाई का प्रतीक, मालिकपन का प्रतीक सर्व प्राप्तियों और अधिकारीपन का प्रतीक ताज-नशीन मणियाँ हैं... फ़र्स्ट नंबर का श्रृंगारवाले फ़र्स्ट नंबर की मणियाँ सर्व के शुभ चिंतक हैं...
3. हम आत्माएँ, चैतन्य रूप देवियाँ हैं...रहम के संस्कार इमरज करनेवाली शक्तियाँ हैं...अंत वाहक शरीर द्वारा अव्यक्त फरिश्ते रूप मे सैर कर चक्कर लगानेवाले, साइलेन्स की शक्ति द्वारा लाइट, माइट और डिवाइन् इनसाइट वाले, जब चाहें, जहाँ चाहें, वहाँ का अनुभव करनेवाले, जहाँ पहुँचे उन्हो को भी प्रैक्टिकल मिलन का अनुभव करानेवाले, सफलता मूर्त हैं...हल्के बन, सारी दिन चर्य बाप समान कर अंत के दृश्य अनुभव करनेवाले महारथी हैं... योग सेवा प्रति करनेवाले, महादानी और महाज्ञानी हैं...
4. हम आसुरी संस्कारों को समाप्त करनेवाली महाकाली स्वरूप आत्माएँ, तीव्र पुरुषार्थ करने के निमित्त हैं... “जैसा संकल्प हम करेंगे, वैसा ही वातावरण बनेगा” का स्लोगन पक्का कर, पावरफ़ुल संकल्प रूपी बीज से, अपनी पावरफुल स्मृति से कमजोर आत्माओं की स्थिति पावरफुल बनानेवाले, विशेष न्यारा बन गुह्य महीन वान्प्रस्थी का पुरुषार्थ करनेवाले, संतुष्ट बन औरों को संतुष्ट करनेवाले संतुष्ट मणि हैं...
5. हम आत्माएँ, मन की उलझनों को समाप्त कर वर्तमान और भविष्य को उज्ज्वल बनानेवाले, मन बुद्धि में किसी विकार के संकल्प, बुराई के संकल्प को टच न करनेवाले, पवित्रता की पर्सनैलिटी व रायल्टी वाले संपूर्ण वैष्णव व सफल तपस्वी हैं...
In the daily murlis, Bapdada
gives vardaan to the entire Bramin family spread all over the world. Baba
also remarked in the murli, dated 7-1-2012 that serviceable children will make
cartoons after listening to the murli. Visualization makes remembrance of
the blessing throughout the day easier and thus makes it more fruitful.
Om
Shanti divya farishte !!!
Gyan ke Sagar Patit Paavan Niraakaar Parampita Paramatma Shiv Baba hain...Mera Baba...Pyaara Baba...Meetha Baba...Dayalu Baba...Kripalu Baba... Sat Baap...Sat Tichar...Sat Guru... Behad ka Baap...
18-11-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:08-10-75 मधुबन
मास्टर ज्ञान-स्वरूप बनने की प्रेरणा
18-11-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:11-10-75 मधुबन
अन्त:वाहक अर्थात् अव्यक्त फरिश्ते रूप द्वारा सैर
वरदान:- मन-बुद्धि से किसी भी बुराई को टच न करने वाले सम्पूर्ण वैष्णव व सफल तपस्वी भव
पवित्रता की पर्सनैलिटी व रायॅल्टी वाले मन-बुद्धि से किसी भी बुराई को टच नहीं कर सकते। जैसे ब्राह्मण जीवन में शारीरिक आकर्षण व शारीरिक टचिंग अपवित्रता है, ऐसे मन-बुद्धि में किसी विकार के संकल्प मात्र की आकर्षण व टचिंग अपवित्रता है। तो किसी भी बुराई को संकल्प में भी टच न करना - यही सम्पूर्ण वैष्णव व सफल तपस्वी की निशानी है।
स्लोगन:- मन की उलझनों को समाप्त कर वर्तमान और भविष्य को उज्जवल बनाओ।
Swamaan /
Sankalp / Slogan: Swaroop Bano
November 18, 2012:
हम आसुरी संस्कारों को समाप्त करनेवाली महाकाली स्वरूप
आत्माएँ, महारथी, महादानी,
महाज्ञानी हैं...
We, the
souls, finishing all devilish sanskars in the form of Mahakali, are Maharathis,
Mahadani (great donors) and Mahagyani (greatly enlightened)...
Hum aasuri
sanskaaron ko samaapt karnewali mahakaali swaroop atmaayen, maharathi,
mahadaani, mahagyani hain...
Points are in 3 languages: Hindi, English and Hinglish (Hindi
written in English Script) Please scroll down to the language of your choice.
Om Shanti Divine Angels!!!
Points to Churn from the Murli of November 18, 2012
Praise of Baba:
The Ocean of Knowledge, the Incorporeal Purifier, the Supreme Father, and the Supreme Soul Shiv Baba is.... My Baba...Sweet Baba...Loving Baba...Kind-hearted Baba...Compassionate Baba...the True Father...the True Teacher...the Unlimited Father...
Points of Self-Respect and Soul Study:
1.
We,
the souls, the decorations of the Brahmin clan, sparkling brightly like stars
amidst other souls, are the decorations of our homes...we are the special souls
and the decorations of the world, the hero actors in the world drama, playing a
special part...
2.
We,
the souls, the crowns on the Father’s head, the sparkling jewels, the garlands
around the Father’s neck, are Bapdada’s decorations...we are equal to the Father
and sparkle like master suns of knowledge...we spread the rays of all our
powers in all four directions in the limitless world ...we are the master
oceans of virtues, merged in all the different colours of the jewels... with
the sparkle of all colours radiating the beauty of the variety of colours and sparkling
in the centre of the crown, we are the elevated beauty of the crown...whilst
living in the corporeal form we are constantly stable in our stage of soul
consciousness...whilst living in the corporeal world our intellects are
constantly engaged in remembrance of the Father, remembrance of the home,
remembrance of the kingdom and remembrance of Godly service...
We constantly maintain an elevated awareness, an elevated
attitude, elevated vision, are part of an elevated family, and so attain an
elevated place and become the highest decoration in the crown, which is a
symbol of greatness, the symbol of being a master, the symbol of having all
attainments and of having all rights...we are the jewels of the forehead, jewels
of the crown, the first number jewels, the first number decorations, having
good wishes for all...
3.
We,
the souls, are goddesses incarnated in the living form... with the sanskars of
mercy emerged within, we become Shaktis ...we
travel with the inner vehicle and tour around in the form of avyakt angels...with
the power of silence, we have light , might and divine insight... we are the
images of success who experience scenes of any particular place at any time we
want, and the people there experience meeting us personally... with lightness
and wit our timetable for the whole day to be like the Father’s, we become
Maharathis who experience the scenes at
the end...by donating our yoga for
service, we become Mahadani (great donors) and Mahagyani (greatly enlightened)...
4.
We,
the souls, finishing all devilish sanskars in the form of Mahakali, are
instruments for making intense effort... by making the slogan “Whatever thoughts
I have, these thoughts will create an atmosphere accordingly” firm, and with
powerful seeds of thoughts, with our powerful awareness, we make the stage of
weak souls powerful...we make deep and subtle and unique efforts of ones in a
stage of retirement...we are the jewels of contentment who are content and make
others content...
5.
We,
the souls, finish the confusion of the mind and make our present and future
bright... even in our thoughts we do not let any vice or anything bad touch our
minds and intellects...we are the complete Vaishnavs and successful tapaswis, with
the personality and royalty of purity...
ॐ शान्ति दिव्य फरिश्ते !!!
विचार सागर मंथन: नवंबर 18, 2012
बाबा की महिमा:
ज्ञान के सागर पतित पावन निराकार परमपिता परमात्मा शिव बाबा हैं...मेरा बाबा...प्यारा बाबा...मीठा बाबा...दयालु बाबा...कृपालु बाबा... सत बाप...सत टीचर...सत गुरु... बेहद का बाप...
स्वमान और आत्मा अभ्यास :
1. हम आत्माएँ, ब्राह्मण कुल का श्रृंगार, सर्व आत्माओं के बीच विशेष चमकते हुए सितारे, अपने घर का श्रृंगार हैं...विश्व के ड्रामा के अंदर हीरो पार्ट धारी, विशेष पार्ट बजानेवाली विशेष आत्माएँ, विश्व के श्रृंगार हैं......
2. हम आत्माएँ, बाप के सिर का ताज, चमकती हुई मणियाँ, गले के हार बच्चे, बाप-दादा के श्रृंगार हैं...बाप समान, मास्टर ज्ञान सूर्य समान चमकनेवाले, अपने सर्व शक्ति किरणें चारों और बेहद विश्व में फैलानेवाले, सर्व गुणों के मास्टर सागर हैं...
सर्व रंगो में समाए हुए, सर्व रंगो की झलक वाले, सर्व रंगत में चमकते हुए, मस्तक बीच लटक ते हुए, ताज की श्रेष्ठ शोभा हैं... साकार रूप में आत्मा स्वरूप में सदा स्थित रहनेवाले, साकार सृष्टि में रहते हुए बुद्धि सदा बाप की याद , घर की याद, राजधानी की याद और ईश्वरीय सेवा में लटकाने वाले, मस्तक मणियाँ हैं...
ऊँची स्मृति, ऊँची वृति, ऊँची दृष्टि और ऊँची प्रवृत्ति में रहकर, सिर का ताज का ऊँच स्थान प्राप्त करनेवाले, ताज के ऊँच श्रृंगार हैं... ऊँचाई का प्रतीक, मालिकपन का प्रतीक सर्व प्राप्तियों और अधिकारीपन का प्रतीक ताज-नशीन मणियाँ हैं... फ़र्स्ट नंबर का श्रृंगारवाले फ़र्स्ट नंबर की मणियाँ सर्व के शुभ चिंतक हैं...
3. हम आत्माएँ, चैतन्य रूप देवियाँ हैं...रहम के संस्कार इमरज करनेवाली शक्तियाँ हैं...अंत वाहक शरीर द्वारा अव्यक्त फरिश्ते रूप मे सैर कर चक्कर लगानेवाले, साइलेन्स की शक्ति द्वारा लाइट, माइट और डिवाइन् इनसाइट वाले, जब चाहें, जहाँ चाहें, वहाँ का अनुभव करनेवाले, जहाँ पहुँचे उन्हो को भी प्रैक्टिकल मिलन का अनुभव करानेवाले, सफलता मूर्त हैं...हल्के बन, सारी दिन चर्य बाप समान कर अंत के दृश्य अनुभव करनेवाले महारथी हैं... योग सेवा प्रति करनेवाले, महादानी और महाज्ञानी हैं...
4. हम आसुरी संस्कारों को समाप्त करनेवाली महाकाली स्वरूप आत्माएँ, तीव्र पुरुषार्थ करने के निमित्त हैं... “जैसा संकल्प हम करेंगे, वैसा ही वातावरण बनेगा” का स्लोगन पक्का कर, पावरफ़ुल संकल्प रूपी बीज से, अपनी पावरफुल स्मृति से कमजोर आत्माओं की स्थिति पावरफुल बनानेवाले, विशेष न्यारा बन गुह्य महीन वान्प्रस्थी का पुरुषार्थ करनेवाले, संतुष्ट बन औरों को संतुष्ट करनेवाले संतुष्ट मणि हैं...
5. हम आत्माएँ, मन की उलझनों को समाप्त कर वर्तमान और भविष्य को उज्ज्वल बनानेवाले, मन बुद्धि में किसी विकार के संकल्प, बुराई के संकल्प को टच न करनेवाले, पवित्रता की पर्सनैलिटी व रायल्टी वाले संपूर्ण वैष्णव व सफल तपस्वी हैं...
In the daily murlis, Bapdada
gives vardaan to the entire Bramin family spread all over the world. Baba
also remarked in the murli, dated 7-1-2012 that serviceable children will make
cartoons after listening to the murli. Visualization makes remembrance of
the blessing throughout the day easier and thus makes it more fruitful.
Om
Shanti divya farishte !!!
Vichaar Sagar Manthan: Navambar 18, 2012
Baba ki Mahima:
Gyan ke Sagar Patit Paavan Niraakaar Parampita Paramatma Shiv Baba hain...Mera Baba...Pyaara Baba...Meetha Baba...Dayalu Baba...Kripalu Baba... Sat Baap...Sat Tichar...Sat Guru... Behad ka Baap...
Swamaan aur Atma Abhyas :
1. Hum
atmaayen, Brahman kul ka shringaar, sarv atmaaon ke beech vishesh chamakte hue
sitaare, apne ghar ka shringaar hain...vishv ke drama ke andar hiro paart
dhaari, vishesh paart bajaanewali vishesh atmaayen, vishv ke shringaar
hain......
2. Hum
atmaayen, baap ke sir ka taj, chamakti hui maniyaan, gale ke haar bachche, bap-dada ke shringaar hain...baap
samaan, mastar gyan soory samaan chamak newale, apne sarv shakti kirane chaaron
aur behad vishv men failaanewale, sarv gu non ke maastar sagar hain...
sarv rango men samaaye hue, sarv rango
ki jhalak wale, sarv rangat men chamakte hue, mastak beech latak te hue, taj ki
shreshth shobha hain... sada sakar roop men atma swaroop men sada sthit
rahnewale, sakar srishti men rahte hue
buddhi sada baap ki yaad , ghar ki yaad, raaj dhaani ki yaad aur ishwariy seva
men latakaane wale, mastak maniyaan hain...
oonchi smriti, oonchi vriti, oonchi
drishti aur oonchi pravritti men rahkar, sir ka taj ka oonch sthaan praapt
karnewale, taaj ke oonch shringaar hain... oonchaai ka pratik, maalikpan ka
prateek sarv praaptiyon aur adhikaaripan ka prateek taaj-nasheen maniyaan
hain... farst nambar ka shringaar wale farst
nambar ki maniyaan sarv ke shubh chintak hain...
3. Hum
atmaayen, chaitany roop deviyaan hain...raham ke sanskaar imarj karnewali
shaktiyaan hain...ant vaahak shareer dwara avyakt farishte roop me sair kar
chakkar lagaanewale, saailens ki shakti dwara laait, maait aur divaain insaait
wale, jab chaahen, jahaan chaahen, vahaan ka anubhav karnewale, jahaan pahunche
unho ko bhi praiktikal Milan ka anubhav karaanewale, safalta moort hain...halke
ban, sari din chary baap samaan kar ant ke drishy anubhav karnewale maharathi
hain... yog seva prati karnewale, maha daani aur maha gyaani hain...
4. Hum
aasuri sanskaaron ko samaapt karnewali mahakaali swaroop atmaayen, tivr
purushaarth karne ke nimitt hain... “jaisa sankalp hum karenge, vaisa hi
vatavaran banega” ka slogan pakka kar, paavar ful sankalp roopi beej bo kar apni paavar ful smriti se kamjor atmaaon ki
sthiti paavar ful banaanewale, vishesh nyaara ban guhy maheen vaanprasthi ka
purushaarth karnewale, santusht ban auron ko santush karnewale santusht mani
hain...
5. Hum
atmaayen, man ki uljhanon ko samaapt kar vartmaan aur bhavishy ko ujjwal
banaanewale, man buddhi men kisi vikaar ke sankalp, buraai ke sankalp ko tach n
karnewale, pavitrta ki parsnaility v royalty wale sampoorn vaishnav v safal
tapasvi hain...
Dear BK Family.... Since March 1, 2012, we have started special
Mansa service country wise, in alphabetical order. There are more than 200
countries in the world and each day we can serve one country right from
Amritvela until Night ... (this may also give us knowledge of a bit of history
and geography) Please join us, it is an open invitation to all...
With
Bapdada’s and the Advance Party's blessings, let us continue
the
World Service Tour: November 18, 2012:
Countries for weekly special Mansa service for Backup
/recovery....
on 18th Nov 2012 (3rd Sunday International Meditation Hour.)
1)Gibraltor
2) Greenland
3) Guadeloupe
4) Guam
5) Guernsey
6) Hong Kong
on 18th Nov 2012 (3rd Sunday International Meditation Hour.)
1)Gibraltor
2) Greenland
3) Guadeloupe
4) Guam
5) Guernsey
6) Hong Kong
18-11-12:
18/11/12 Avyakt BapDada 08/10/75
Inspirations to become a master embodiment of knowledge.
Blessing: May you be a complete Vaishnav and a successful tapaswi by not touching anything bad with your mind or intellect.
Inspirations to become a master embodiment of knowledge.
Blessing: May you be a complete Vaishnav and a successful tapaswi by not touching anything bad with your mind or intellect.
Those who have the personality and royalty of purity cannot
touch anything impure with their mind or intellect. Just as in Brahmin life,
physical attraction or physical touching is impurity, in the same way, the
slightest attraction or touching of any vice with your mind or intellect is
impurity. So, do not touch anything bad even in your thoughts – this is the
sign of a complete Vaishnav and a successful tapaswi.
Slogan: Finish the confusion of the mind and make your present and future bright.
Slogan: Finish the confusion of the mind and make your present and future bright.
18-11-12:
18-11-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:08-10-75 मधुबन
मास्टर ज्ञान-स्वरूप बनने की प्रेरणा
18-11-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:11-10-75 मधुबन
अन्त:वाहक अर्थात् अव्यक्त फरिश्ते रूप द्वारा सैर
वरदान:- मन-बुद्धि से किसी भी बुराई को टच न करने वाले सम्पूर्ण वैष्णव व सफल तपस्वी भव
पवित्रता की पर्सनैलिटी व रायॅल्टी वाले मन-बुद्धि से किसी भी बुराई को टच नहीं कर सकते। जैसे ब्राह्मण जीवन में शारीरिक आकर्षण व शारीरिक टचिंग अपवित्रता है, ऐसे मन-बुद्धि में किसी विकार के संकल्प मात्र की आकर्षण व टचिंग अपवित्रता है। तो किसी भी बुराई को संकल्प में भी टच न करना - यही सम्पूर्ण वैष्णव व सफल तपस्वी की निशानी है।
स्लोगन:- मन की उलझनों को समाप्त कर वर्तमान और भविष्य को उज्जवल बनाओ।
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