Om Shanti
Om Shanti
कम बोलो, धीरे बोलो, मीठा बोलो            सोच के बोलो, समझ के बोलो, सत्य बोलो            स्वमान में रहो, सम्मान दो             निमित्त बनो, निर्मान बनो, निर्मल बोलो             निराकारी, निर्विकारी, निरहंकारी बनो      शुभ सोचो, शुभ बोलो, शुभ करो, शुभ संकल्प रखो          न दुःख दो , न दुःख लो          शुक्रिया बाबा शुक्रिया, आपका लाख लाख पद्मगुना शुक्रिया !!! 

Murli of Sep 18, 2012


[18-09-2012]

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - जब तक जीना है तब तक पढ़ना है, सीखना है, तुम्हारी पढ़ाई है ही पावन दुनिया के लिए, पावन बनने के लिए'' 
प्रश्न: बाप किस गुण में बच्चों को आप समान बनाने की शिक्षा देते हैं? 
उत्तर: बाबा कहते बच्चे जैसे मैं निरहंकारी हूँ, ऐसे तुम बच्चे भी मेरे समान निरहंकारी बनो। बाप ही तुम्हें पावन बनने की शिक्षा देते हैं। पावन बनने से ही बाप समान बनेंगे। 
प्रश्न:- जब बुद्धि अच्छी बनती है तो कौन से राज़ बुद्धि में स्वत: बैठ जाते हैं? 
उत्तर:- मैं आत्मा क्या हूँ, मेरा बाप परमात्मा क्या है, उनका क्या पार्ट है। आत्मा में कैसे अनादि पार्ट भरा हुआ है जो बजाती ही रहती है। यह सब बातें अच्छी बुद्धि वाले ही समझ सकते हैं। 

YOGABHYAS (योगभ्यास)

Dadi Janki – GRC - 17th September 2012 Baba’s drishti gives us love and Baba’s words melt us


Dadi Janki – GRC -  17th September 2012
Baba’s drishti gives us love and Baba’s words melt us

Someone asked Dadi:  What is the difference - you heard the Murli and now you’re having class? The system of class was started by Didi before Baba became Avaykt. We should listen to and revise the Murli; revise it inside and to repeat it through your lips and then to check the self and see whether you have done what Baba has asked. God is the form of the seed and is extremely subtle; we have to go into the depths and experience how subtle He is. We know that a tree emerges from the seed, which is so tiny, but the tree is huge. Go into the depths of this. When you go into the subtlety of this, you will also become subtle. When you go into the aspect of subtlety, all body consciousness is removed.  Actually, God is the form of the Seed and we souls are his children.  

Murli of Sep 17, 2012


[17-09-2012]

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - तुम्हारा पुराना दुश्मन रावण है, तुम्हारी लड़ाई बड़ी खौफनाक है, तुम जितना एक के साथ योग लगायेंगे उतना दुश्मन पर जीत पाने का बल मिलेगा'' 
प्रश्न: तुम ब्राह्मणों की डिपार्टमेंट दुनिया के मनुष्यों से बिल्कुल ही भिन्न है, कैसे और कौन सी? 

Avykt Murli of Sep 16, 2012




16-09-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:10.09.75 मधुबन

नोलेजफुल और पावरफुल आत्मा ही सक्सेसफुल
सदा हर स्थिति में मास्टर नोलेजफुल, पावरफुल और सक्सेसफुल स्वयं को अनुभव करते हो? क्योंकि नोलेजफुल और पावरफुल आत्मा की रिजल्ट है सक्सेसफुल | वर्तमान समय इन दोनों सब्जेक्ट्स याद अर्थात पावरफुल और ज्ञान अर्थात नोलेज- इन दोनों सब्जेक्ट्स का ऑब्जेक्ट (उदेश्य) है सक्सेसफुल | इसी को ही प्रत्यक्ष फल कहा जाता है | इस समय का प्रत्यक्ष फल आपके भविष्य फल

Murli of Sep 15, 2012


[15-09-2012]

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - दूरादेशी विशाल बुद्धि बन सर्विस करनी है, सच और झूठ का कान्ट्रास्ट सिद्धकर बताना है''
प्रश्न: महाभारत से कौन-कौन सी बातें सिद्ध होती हैं, महाभारत का अर्थ क्या है? 

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