[18-09-2012]
मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - जब तक जीना है तब तक पढ़ना है, सीखना है, तुम्हारी पढ़ाई है ही पावन दुनिया के लिए, पावन बनने के लिए''
प्रश्न: बाप किस गुण में बच्चों को आप समान बनाने की शिक्षा देते हैं?
उत्तर: बाबा कहते बच्चे जैसे मैं निरहंकारी हूँ, ऐसे तुम बच्चे भी मेरे समान निरहंकारी बनो। बाप ही तुम्हें पावन बनने की शिक्षा देते हैं। पावन बनने से ही बाप समान बनेंगे।
प्रश्न:- जब बुद्धि अच्छी बनती है तो कौन से राज़ बुद्धि में स्वत: बैठ जाते हैं?
उत्तर:- मैं आत्मा क्या हूँ, मेरा बाप परमात्मा क्या है, उनका क्या पार्ट है। आत्मा में कैसे अनादि पार्ट भरा हुआ है जो बजाती ही रहती है। यह सब बातें अच्छी बुद्धि वाले ही समझ सकते हैं।
गीत:- धीरज धर मनुआ...
धारणा के लिए मुख्य सार:
1) पढ़ाई पर पूरा-पूरा ध्यान देना है। बाकी साक्षात्कार आदि की आश नहीं रखनी है। नाउम्मीद बन पढ़ाई नहीं छोड़नी है।
2) चित्रों को देखते विचार सागर मंथन कर हर बात को दिल में उतारना है। राजयोग की तपस्या करनी है।
वरदान: सर्व खजानों को बांटते और बढ़ाते सदा भरपूर रहने वाले बालक सो मालिक भव
बाप ने सभी बच्चों को एक जैसा खजाना देकर बालक सो मालिक बना दिया है। खजाना सबको एक जैसा मिला है लेकिन यदि कोई भरपूर नहीं है तो उसका कारण है कि खजाने को सम्भालना वा बढ़ाना नहीं आता है। बढ़ाने का तरीका है बांटना और सम्भालने का तरीका है खजाने को बार-बार चेक करना। अटेन्शन और चेकिंग-यह दोनों पहरे वाले ठीक हों तो खजाना सदा सेफ रहता है।
स्लोगन: हर कर्म अधिकारीपन के निश्चय और नशे से करो तो मेहनत नहीं करनी पड़ेगी।
[18-09-2012]
Essence: Sweet children, continue to study and learn for as long as you live. Your study is to become pure for the pure world.
Question: The Father gives you teachings in order to make you equal to Him in which virtue?
Answer: Baba says: Children, just as I am egoless, so you children must become just as egoless as I am. Only the Father gives you teachings to become pure. Only by becoming pure will you become equal to the Father.
Question: When your intellect becomes good, what secrets automatically sit within it?
Answer: Who I, the soul, am. Who the Supreme Father, the Supreme Soul is. What His part is. What the eternal part recorded in the soul is that continues to be played. All of these things can only be understood by those who have good intellects.
Song: Have patience O mind! Your days of happiness are about to come.
Essence for dharna:
1. Pay full attention to the study. Don’t have any desires for visions etc. Never become disheartened and stop studying.
2. While looking at the pictures, churn the ocean of knowledge and imprint everything on your heart. You have to do the tapasya of Raja Yoga.
Blessing: May you be a master and a child and remain full by constantly sharing and thereby increasing all your treasures.
The Father has given all of you children the same treasures and made you into the children who are the masters. All of you have received the same treasures, yet if someone is not full, the reason for that is that person does not know how to look after or increase these treasures. The method to increase them is to share them and the method to look after them is to repeatedly check them. Attention and checking – if both these guards are working fine, then the treasures will remain constantly safe.
Slogan: Perform every action with the intoxication of a right and with faith and you will not have to work hard.
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