[17-09-2012]
मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - तुम्हारा पुराना दुश्मन रावण है, तुम्हारी लड़ाई बड़ी खौफनाक है, तुम जितना एक के साथ योग लगायेंगे उतना दुश्मन पर जीत पाने का बल मिलेगा''
प्रश्न: तुम ब्राह्मणों की डिपार्टमेंट दुनिया के मनुष्यों से बिल्कुल ही भिन्न है, कैसे और कौन सी?
उत्तर: तुम ब्राह्मणों की डिपार्टमेंट है श्रीमत पर पावन बनना और बनाना - तुम योगबल से अपने पापों को भस्म करते हो। तुम्हारी सब मनोकामनायें बाप पूरी करते हैं। मनुष्य तो जो कुछ करते उससे नीचे ही उतरते आते। रिद्धि-सिद्धि आदि सीख लेते हैं परन्तु पतित तो बनते ही जाते हैं।
गीत:- हमारे तीर्थ न्यारे हैं.......
धारणा के लिए मुख्य सार:
1) शरीर रूपी पुरानी खाल से ममत्व निकाल देना है। बुद्धि से रूहानी यात्रा पर तत्पर रहना है।
2) पुरानी दुनिया की किसी भी बात से तैलुक न रख, ज्ञान चिता पर बैठ पावन बन बाप से पूरा वर्सा लेना है।
वरदान: बाप के साथ द्वारा असम्भव को सम्भव में बदलने वाले सहज सफलता मूर्त भव
बाप को साथ रखना अर्थात् एक बल और एक भरोसा रख हर कार्य करना-यही सहज विधि है सफलतामूर्त बनने की। इससे कितना भी मुश्किल कार्य हो, असम्भव भी सम्भव दिखाई देता है। ब्राह्मण जीवन में कोई भी काम चाहे वह स्थूल हो या आत्मिक पुरूषार्थ का हो, असम्भव नहीं हो सकता, सर्वशक्तिमान् बाप साथ है तो पहाड़ भी राई बन जाता है। संकल्प भी नहीं आता कि क्या होगा, कैसे होगा।
स्लोगन: समय के महत्व को जान लो तो सर्व प्राप्तियों के खजाने से सम्पन्न बन जायेंगे।
[17-09-2012]
Essence: Sweet children, your old enemy is Ravan. Your war is very dangerous. The more yoga you have with One, the more power you will receive to conquer the enemy.
Question: How is the department of you Brahmins completely separate from that of human beings and which department is it?
Answer: The department of you Brahmins is to become pure and make others pure by following shrimat. You burn your sins away with the power of yoga. The Father fulfils all your desires. Whatever people do, it continues to bring them down. They learn all the occult powers etc. and yet continue to become impure.
Song: Our pilgrimage is unique.
Essence for dharna:
1. Remove your attachment from the old skin of the body. Keep your intellect engaged in the spiritual pilgrimage.
2. Don’t have any connection with anything of the old world. Sit on the pyre of knowledge, become pure and claim your full inheritance from the Father.
Blessing: May you easily become an image of success who changes the impossible into possible with the Father’s company.
To have the Father’s company means to have one Strength and one Support as you carry out every task. That is the easy way to become an image of success. Through this, no matter how difficult a task may be, even the impossible seems to be possible. In Brahmin life, whatever the work may be, whether it is physical or of spiritual effort, it is not impossible. When you have the company of the Almighty authority Father, then even a mountain can become like a mustard seed. You wouldn’t even have the thought about what would happen or how it would happen.
Slogan: Know the importance of time and you will become full of all the treasures of attainment.
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