Om Shanti
Om Shanti
कम बोलो, धीरे बोलो, मीठा बोलो            सोच के बोलो, समझ के बोलो, सत्य बोलो            स्वमान में रहो, सम्मान दो             निमित्त बनो, निर्मान बनो, निर्मल बोलो             निराकारी, निर्विकारी, निरहंकारी बनो      शुभ सोचो, शुभ बोलो, शुभ करो, शुभ संकल्प रखो          न दुःख दो , न दुःख लो          शुक्रिया बाबा शुक्रिया, आपका लाख लाख पद्मगुना शुक्रिया !!! 

नये साल के साथ नये युग की बधाई हो


नये साल के साथ नये युग की बधाई हो
सर्व प्रकारों के खजानों से जीवन हाउसफुल हो,
हर समस्या का समाधान बड़ा वन्डरफुल हो,
पवित्रता, सत्यता, नैतिकता से ब्युटीफुल हो,
कर्म-धर्म के मर्म को जानने में पॉवरफुल हो,
ईश्वरीय प्राप्तियों से सदा मालामाल हो,
ऐसा नया साल हो....।

वर्ष
 2013 के लिए 13 बातें व्रत के रूप में... : दादी जानकी जी

1- हम सदा रूहानियत में रहेंगे। (बाहयमुखता में नहीं आयेंगे)
2- सदा एकव्रता/एकनामी होकर रहेंगे, एकॉनामी से चलेंगे।
3- याद, सेवा, श्रीमत और दिनचर्या सबमें एक्यूरेट रहेंगे। (अलबेले नहीं बनेंगे)
4- सदा शुभ चिंतक बन, शुभ चिंतन करेंगे और न दु:ख देंगे न दु:ख लेंगे।
5- सब प्रश्नों से पार सदा प्रसन्नचित्त स्थिति में रहेंगे।
6- लगाव, झुकाव और प्रभाव से मुक्त सदा प्युरिटी की पर्सनैलिटी और रॉयल्टी में रहेंगे।
7- देह, बुध्दि, संस्कार सबसे उपराम रहेंगे।
8- सदा नम्रता का कवच पहनकर नव-निर्माण का कार्य करेंगे।
9- न्यारी, निर्लिप्त और साक्षी स्थिति में रहने का अभ्यास करेंगे।
10- करावनहार की स्मृति से मैं-पन और मेरेपन से मुक्त रहेंगे।
11- सदा संस्कार मिलन की रास करेंगे, कभी टकराव में नहीं आयेंगे।
12- ड्रामा के पटटे पर अचल, अडोल, एकरस रह विजयी बनकर रहेंगे।
13- जिम्मेवारियां सम्भालते हुए डबल लाइट बेफिकर बादशाह की स्थिति का अनुभव करेंगे।




IN 2013, I PLEDGE TO…
1.        …Act in spirituality constantly and not come into extroversion.
2.        …Keep the fast of remembering One and living economically.
3.        …Be accurate in Yoga, Service, Shrimat and daily Routine, and not be careless.
4.        …Be a Well-Wisher for all, engage in elevated thoughts, and not give or take sorrow.
5.        …Remain beyond all questions and maintain a cheerful stage.
6.        …Be free from attachment, subservience, and coming into influence, and stay in the royalty and personality of purity.
7.        …Stay beyond the body, intellect and old sanskars.
8.        …Always adorn the Shield of Humility and carry out the task of World Renewal.
9.        …Being detached and free from entanglements by experiencing the stage of the Detached Observer.
10.      …Liberate the self from the consciousness of “I” and “mine” with the awareness of Karavanhaar.
11.      …Remain engaged in the dance of harmonizing sanskars and never come into conflict.
12.      …Be victorious by staying immovable, unshakeable and stable on the rails of Drama.
13.      …Experience the double-light, Carefree Emperor stage while looking after responsibilities.

No comments:

Post a Comment

LinkWithin

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...