नये साल के साथ नये युग की बधाई हो
सर्व प्रकारों के खजानों से जीवन हाउसफुल हो,
हर समस्या का समाधान बड़ा वन्डरफुल हो,
पवित्रता, सत्यता, नैतिकता से ब्युटीफुल हो,
कर्म-धर्म के मर्म को जानने में पॉवरफुल हो,
ईश्वरीय प्राप्तियों से सदा मालामाल हो,
ऐसा नया साल हो....।
वर्ष 2013 के लिए 13 बातें व्रत के रूप में... : दादी जानकी जी
सर्व प्रकारों के खजानों से जीवन हाउसफुल हो,
हर समस्या का समाधान बड़ा वन्डरफुल हो,
पवित्रता, सत्यता, नैतिकता से ब्युटीफुल हो,
कर्म-धर्म के मर्म को जानने में पॉवरफुल हो,
ईश्वरीय प्राप्तियों से सदा मालामाल हो,
ऐसा नया साल हो....।
वर्ष 2013 के लिए 13 बातें व्रत के रूप में... : दादी जानकी जी
1- हम सदा रूहानियत में रहेंगे। (बाहयमुखता में नहीं आयेंगे)
2- सदा एकव्रता/एकनामी होकर
रहेंगे, एकॉनामी से चलेंगे।
3- याद, सेवा, श्रीमत और दिनचर्या सबमें
एक्यूरेट रहेंगे। (अलबेले नहीं बनेंगे)
4- सदा शुभ चिंतक बन, शुभ चिंतन करेंगे और न दु:ख
देंगे न दु:ख लेंगे।
5- सब प्रश्नों से पार सदा प्रसन्नचित्त स्थिति में रहेंगे।
6- लगाव, झुकाव और प्रभाव से मुक्त
सदा प्युरिटी की पर्सनैलिटी और रॉयल्टी में रहेंगे।
7- देह, बुध्दि, संस्कार सबसे उपराम रहेंगे।
8- सदा नम्रता का कवच पहनकर नव-निर्माण का कार्य करेंगे।
9- न्यारी, निर्लिप्त और साक्षी स्थिति
में रहने का अभ्यास करेंगे।
10- करावनहार की स्मृति से मैं-पन और मेरेपन से मुक्त रहेंगे।
11- सदा संस्कार मिलन की रास
करेंगे, कभी टकराव में नहीं आयेंगे।
12- ड्रामा के पटटे पर अचल, अडोल, एकरस रह विजयी बनकर रहेंगे।
13- जिम्मेवारियां सम्भालते हुए
डबल लाइट बेफिकर बादशाह की स्थिति का अनुभव करेंगे।
IN
2013, I PLEDGE TO…
1. …Act in spirituality constantly and not
come into extroversion.
2. …Keep the fast of remembering One and
living economically.
3. …Be accurate in Yoga, Service, Shrimat
and daily Routine, and not be careless.
4. …Be a Well-Wisher for all, engage in
elevated thoughts, and not give or take sorrow.
5. …Remain beyond all questions and
maintain a cheerful stage.
6. …Be free from attachment, subservience, and
coming into influence, and stay in the royalty and personality of purity.
7. …Stay beyond the body, intellect and old
sanskars.
8. …Always adorn the Shield of Humility and
carry out the task of World Renewal.
9. …Being detached and free from entanglements
by experiencing the stage of the Detached Observer.
10. …Liberate the self from the consciousness
of “I” and “mine” with the awareness of Karavanhaar.
11. …Remain engaged in the dance of
harmonizing sanskars and never come into
conflict.
12. …Be victorious by staying immovable,
unshakeable and stable on the rails of Drama.
13. …Experience the double-light, Carefree
Emperor stage while looking after responsibilities.
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