Om Shanti
Om Shanti
कम बोलो, धीरे बोलो, मीठा बोलो            सोच के बोलो, समझ के बोलो, सत्य बोलो            स्वमान में रहो, सम्मान दो             निमित्त बनो, निर्मान बनो, निर्मल बोलो             निराकारी, निर्विकारी, निरहंकारी बनो      शुभ सोचो, शुभ बोलो, शुभ करो, शुभ संकल्प रखो          न दुःख दो , न दुःख लो          शुक्रिया बाबा शुक्रिया, आपका लाख लाख पद्मगुना शुक्रिया !!! 

अव्यक्त मुरली हिंदी 13-1-13





3 comments:

  1. क्या मुरली को कंप्यूटर के जरिए सुन सकते हैं ?

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  2. सुनने का तरीका जरूर बतलाइएगा ?

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  3. ओम शांति पत्रिका का नया अंक बतौर नमूना डाक से भिजवाइएगा। अविनाश वाचस्पति, साहित्यकार सदन, 195 संत नगर, नियर इस्ट आफ कैलाश, नई दिल्ली 110065 मोबाइल 8750321868

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