Om Shanti
Om Shanti
कम बोलो, धीरे बोलो, मीठा बोलो            सोच के बोलो, समझ के बोलो, सत्य बोलो            स्वमान में रहो, सम्मान दो             निमित्त बनो, निर्मान बनो, निर्मल बोलो             निराकारी, निर्विकारी, निरहंकारी बनो      शुभ सोचो, शुभ बोलो, शुभ करो, शुभ संकल्प रखो          न दुःख दो , न दुःख लो          शुक्रिया बाबा शुक्रिया, आपका लाख लाख पद्मगुना शुक्रिया !!! 

Essence of Murli (H&E): March 02, 2015:



Essence of Murli (H&E): March 02, 2015:

Essence: Sweet children, you should have the intoxication that you are becoming the masters of heaven, the wonder of the world, which your parlokik Father is creating for you.   

Question: What attainments do we receive by keeping the company of the Father?

Answer: By keeping the company of the Father, we claim a right to liberation and liberation-in-life. The company of the Father takes us across. Baba makes us belong to Him and makes us into theists and trikaldarshi (knowers of the three aspects of time). We come to know the Creator and then the beginning, the middle and the end of creation.

Song: Have patience, o man! Your days of happiness are about to come

Essence for Dharna:
1. Do not have dislike or hatred for anyone. Become merciful and do the service of making unhappy souls happy. Become master oceans of love like the Father.
2. Stay in the intoxication and happiness that you are the children of God. Never go into the bad company of Maya. Become soul conscious and imbibe knowledge.

Blessing: May you be a constant embodiment of success who becomes powerful by experiencing all attainments. 
  
Those who experience being embodiments of all attainments are powerful. Only such powerful, experienced souls who are embodiments of all attainments can become embodiments of success because all souls will now look for the master bestowers of happiness and peace, wondering where they are. So, when you have a stock of all powers, you will be able to make everyone content. Abroad, you can get everything in one store. Similarly, you now have to become the same. It should not be that you have the power to tolerate but not the power to face. You need to have a stock of all the powers and you will then be able to become an embodiment of success.

Slogan: The codes of conduct are the steps of Brahmin life. To place your steps in His footsteps means to come close to your destination.



सार:-  मीठे बच्चे - तुम्हें नशा चाहिए कि हमारा पारलौकिक बाप वंडर ऑफ दी वर्ल्ड (स्वर्ग) बनाताजिसके हम मालिक बनते हैं   
प्रश्न:-   बाप के संग से तुम्हें क्या-क्या प्राप्तियां होती हैं?

उत्तर:- बाप के संग से हम मुक्तिजीवन-मुक्ति के अधिकारी बन जाते हैं । बाप का संग तार देता है (पार ले जाता है) । बाबा हमें अपना बनाकर आस्तिक और त्रिकालदर्शी बना देते हैं । हम रचता और रचना के आदि-मध्य- अन्त को जान जाते हैं ।

गीत:- धीरज धर मनुआ ..

धारणा के लिए मुख्य सार:-
1. किसी से भी घृणा वा नफरत नहीं करनी है । रहमदिल बन दुःखी आत्माओं को सुखी बनाने की सेवा करनी है । बाप समान मास्टर प्यार का सागर बनना है ।
2. “भगवान के हम बच्चे हैं” इसी नशे वा खुशी में रहना है । कभी माया के उल्टे संग में नहीं जाना है । देही- अभिमानी बनकर ज्ञान की धारणा करनी है ।

वरदान:- सर्व प्राप्तियों के अनुभव द्वारा पावरफुल बनने वाले सदा सफलतामूर्त भव !   

जो सर्व प्राप्तियों के अनुभवी मूर्त हैं वही पावरफुल हैंऐसी पावरफुल सर्व प्राप्तियों की अनुभवी आत्मायें ही सफलतामूर्त बन सकती हैं क्योंकि अभी सर्व आत्मायें ढूंढेगी कि सुख-शान्ति के मास्टर दाता कहाँ हैं । तो जब आपके पास सर्वशक्तियों का स्टॉक होगा तब तो सबको सन्तुष्ट कर सकेंगे । जैसे विदेश में एक ही स्टोर से सब चीजें मिल जाती हैं ऐसे आपको भी बनना है । ऐसे नहीं सहनशक्ति होसामना करने की नहीं । सर्वशक्तियों का स्टॉक चाहिए तब सफलतामूर्त बन सकेंगे ।

स्लोगन:- मर्यादायें ही ब्राह्मण जीवन के कदम हैंकदम पर कदम रखना माना मंजिल के समीप पहुँचना ।  

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