Om Shanti
Om Shanti
कम बोलो, धीरे बोलो, मीठा बोलो            सोच के बोलो, समझ के बोलो, सत्य बोलो            स्वमान में रहो, सम्मान दो             निमित्त बनो, निर्मान बनो, निर्मल बोलो             निराकारी, निर्विकारी, निरहंकारी बनो      शुभ सोचो, शुभ बोलो, शुभ करो, शुभ संकल्प रखो          न दुःख दो , न दुःख लो          शुक्रिया बाबा शुक्रिया, आपका लाख लाख पद्मगुना शुक्रिया !!! 

15-6-2012 MURLI


[15-06-2012]

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - विकर्मों से बचने के लिए घड़ी-घड़ी अशरीरी बनने की प्रैक्टिस करो, यह प्रैक्टिस ही माया जीत बनायेगी, स्थाई योग जुटा रहेगा'' 
प्रश्न: कौन सा निश्चय यदि पक्का हो तो योग टूट नहीं सकता? 
उत्तर: सतयुग त्रेता में हम पावन थे, द्वापर कलियुग में पतित बने, अब फिर हमें पावन बनना है, यह निश्चय पक्का हो तो योग टूट नहीं सकता। माया हार खिला नहीं सकती। 
गीत:- जो पिया के साथ है... 
धारणा के लिए मुख्य सार: 
1) कोई भी असत्य कर्म नहीं करना है, मौत सामने खड़ा है, कयामत का समय है इसलिए सबको कब्र से जगाना है। पावन बनने और बनाने की सेवा करनी है। 
2) इस छी-छी दुनिया में कोई भी कामनायें नहीं रखनी है। सबके डूबे हुए बेड़े को सैलवेज करने में बाप का पूरा मददगार बनना है। 
वरदान: मन-बुद्धि की स्वच्छता द्वारा यथार्थ निर्णय करने वाले सफलता सम्पन्न भव 
किसी भी कार्य में सफलता तब प्राप्त होती है जब समय पर बुद्धि यथार्थ निर्णय देती है। लेकिन निर्णय शक्ति काम तब करती है जब मन-बुद्धि स्वच्छ हो, कोई भी किचड़ा न हो इसलिए योग अग्नि द्वारा किचड़े को खत्म कर बुद्धि को स्वच्छ बनाओ। किसी भी प्रकार की कमजोरी-यह गन्दगी है। जरा सा व्यर्थ संकल्प भी किचड़ा है, जब यह किचड़ा समाप्त हो तब बेफिक्र रहेंगे और स्वच्छ बुद्धि होने से हर कार्य में सफलता प्राप्त होगी। 
स्लोगन: सदा श्रेष्ठ और शुद्ध संकल्प इमर्ज रहें तो व्यर्थ स्वत: मर्ज हो जायेंगे। 

[15-06-2012]

Essence: Sweet children, in order to be saved from sinful actions, practise being bodiless again and again. It is this practice that will make you into conquerors of Maya and it will make your yoga remain constantly connected. 
Question: Which aspect of faith should be so firm that your yoga does not break? 
Answer: We were pure in the golden and silver ages, and we became impure during the copper and iron ages. We now have to become pure, once again. If this faith is firm, your yoga will not break. Maya will not defeat you. 
Song: The rain of knowledge is for those who are with the Beloved. 

Essence for dharna: 
1. Do not perform any false actions. Death is just ahead. It is the time of settlement and you must therefore awaken everyone from the grave. Do the service of becoming pure and making others pure. 
2. Do not have any desires in this dirty world. Become the Father’s complete helpers in salvaging everyone’s sunken boat. 

Blessing: May you make the right decisions with cleanliness in your mind and intellect and become full of success. 
In any task, you only attain success when your intellect makes the right decision at the right time. However, the power of decision-making only works when your mind and intellect are clean and there is no rubbish in them. This is why you have to burn all the rubbish in the fire of yoga and make your intellect clean. Any type of weakness is rubbish. The slightest waste thought is also rubbish. When you finish this rubbish, you will remain carefree and, because of having a clean intellect, you will attain success in every task. 
Slogan: Always keep elevated and pure thoughts emerged and waste thoughts will automatically be merged. 

No comments:

Post a Comment

LinkWithin

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...