Om Shanti
Om Shanti
कम बोलो, धीरे बोलो, मीठा बोलो            सोच के बोलो, समझ के बोलो, सत्य बोलो            स्वमान में रहो, सम्मान दो             निमित्त बनो, निर्मान बनो, निर्मल बोलो             निराकारी, निर्विकारी, निरहंकारी बनो      शुभ सोचो, शुभ बोलो, शुभ करो, शुभ संकल्प रखो          न दुःख दो , न दुःख लो          शुक्रिया बाबा शुक्रिया, आपका लाख लाख पद्मगुना शुक्रिया !!! 

21-6-2012 MURLI HINDI AND ENGLISH

[21-06-2012]

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - 21 जन्मों की पूरी प्रालब्ध लेने के लिए बाप पर पूरा-पूरा बलि चढ़ो, अधूरा नहीं, बलि चढ़ना अर्थात् बाप का बन जाना'' 
प्रश्न: किस गुह्य बात को समझने के लिए बेहद की बुद्धि चाहिए? 
उत्तर: यह बेहद का बना बनाया ड्रामा है, जो पास्ट हुआ ड्रामा पूरा होता है, हम घर जायेंगे, फिर नये सिर पार्ट शुरू होगा.. यह गुह्य बातें समझने के लिए बेहद की बुद्धि चाहिए। बेहद रचना का ज्ञान बेहद का बाप ही देते हैं। 
प्रश्न:- मनुष्य किस बात में हाय-हाय कर रड़ी मारते हैं और तुम बच्चे खुश होते हो? 
उत्तर:- अज्ञानी मनुष्य थोड़ी सी बीमारी आने पर रड़ी मारते, तुम बच्चे खुश होते क्योंकि समझते हो यह भी पुराना हिसाब-किताब चुक्तू हो रहा है। 
गीत:- तूने रात गंवाई सोके.... 
धारणा के लिए मुख्य सार: 
1) श्रीमत पर अपने कुल का उद्धार करना है। सारे कुल को पावन बनाना है। बाप को अपना सच्चा-सच्चा पोतामेल देना है। 
2) याद के बल से अपनी काया को निरोगी बनाना है। बाप पर पूरा-पूरा बलिहार जाना है। बुद्धियोग और संग तोड़ एक संग जोड़ना है। 
वरदान: शुद्ध संकल्प और श्रेष्ठ संग द्वारा हल्के बन खुशी की डांस करने वाले अलौकिक फरिश्ते भव 
आप ब्राह्मण बच्चों के लिए रोज़ की मुरली ही शुद्ध संकल्प हैं। कितने शुद्ध संकल्प बाप द्वारा रोज़ सवेरे-सवेरे मिलते हैं, इन्हीं शुद्ध संकल्पों में बुद्धि को बिजी रखो और सदा बाप के संग में रहो तो हल्के बन खुशी में डांस करते रहेंगे। खुश रहने का सहज साधन है-सदा हल्के रहो। शुद्ध संकल्प हल्के हैं और व्यर्थ संकल्प भारी हैं इसलिए सदा शुद्ध संकल्पों में बिजी रह हल्के बनों और खुशी की डांस करते रहो तब कहेंगे अलौकिक फरिश्ते। 
स्लोगन: परमात्म प्यार की पालना का स्वरूप है - सहजयोगी जीवन। 

[21-06-2012]

Essence: Sweet children, in order to claim the full reward of 21 births, sacrifice yourselves completely to the Father, not by half measure. To sacrifice the self means to belong to the Father. 
Question: For understanding which deep aspect do you need an unlimited intellect? 
Answer: This is a predestined unlimited drama. That which has passed in the drama is said to have finished. We will return home and then our parts will begin afresh once again. An unlimited intellect is needed to understand this deep aspect. Only the unlimited Father gives the knowledge of the unlimited creation. 
Question: What is it that makes people cry out in distress whereas you children are happy about it? 
Answer: Ignorant people cry out at even a little bit of sickness, whereas you children become happy because you understand that it is an old karmic account that is being settled. 
Song: You spent the night sleeping and the day eating! 

Essence for dharna: 
1. Bring benefit to your clan on the basis of shrimat. Make your entire clan pure. Give your true account to the Father. 
2. With the power of remembrance, make your body free from disease. Sacrifice yourself completely to the Father. Break the intellect’s yoga away from all others and connect it to the One. 
Blessing: May you perform the dance of happiness by being light with pure thoughts and elevated company and thereby become an alokik angel. 
For you Brahmin children, everyday’s murli are of pure thoughts. You receive so many pure thoughts from the Father every day, early in the morning. Keep your intellect busy in these pure thoughts and stay constantly in the Father’s company and you will become light and continue to dance in happiness. The easy way to remain happy is to remain constantly light. Pure thoughts are light whereas wasteful thoughts are heavy. Therefore, remain constantly busy in pure thoughts and become light and continue to perform the dance of happiness for only then will you be said to be an alokik angel. 
Slogan: The form of the sustenance of God’s love is an easy yogi life. 


No comments:

Post a Comment

LinkWithin

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...