Om Shanti
Om Shanti
कम बोलो, धीरे बोलो, मीठा बोलो            सोच के बोलो, समझ के बोलो, सत्य बोलो            स्वमान में रहो, सम्मान दो             निमित्त बनो, निर्मान बनो, निर्मल बोलो             निराकारी, निर्विकारी, निरहंकारी बनो      शुभ सोचो, शुभ बोलो, शुभ करो, शुभ संकल्प रखो          न दुःख दो , न दुःख लो          शुक्रिया बाबा शुक्रिया, आपका लाख लाख पद्मगुना शुक्रिया !!! 

20-6-2012 MURLI HINDI AND ENGLISH


[20-06-2012]

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - यह पाठशाला है नर से नारायण बनने की, पढ़ाने वाला स्वयं सत्य बाप, सत शिक्षक और सतगुरू है, तुम्हें इसी निश्चय में पक्का रहना है'' 
प्रश्न: तुम बच्चों को किस बात का जरा भी फिकर नहीं होना चाहिए, क्यों? 
उत्तर: अगर कोई चलते-चलते हार्टफेल हो जाता, शरीर छोड़ देता तो तुम्हें फिकर नहीं होना चाहिए क्योंकि तुम जानते हो हरेक को अपनी एक्ट करना है। तुम्हें खुश होना चाहिए कि आत्मा, ज्ञान और योग के संस्कार लेकर गई तो और ही भारत की अच्छी सेवा करेगी। फिकर की बात नहीं। यह तो ड्रामा की भावी है। 
गीत:- तुम्हीं हो माता... 
धारणा के लिए मुख्य सार: 
1) श्रीमत पर पढ़ने और पढ़ाने का धन्धा करना है। ड्रामा की भावी पर अटल रहना है। किसी भी बात का फिकर नहीं करना है 
2) अन्तकाल में एक बाप के सिवाय और कोई भी याद न आये, इसलिए इस देह को भी भूलने का अभ्यास करना है। अशरीरी बनना है। 
वरदान: सर्व आत्माओं के अशुभ भाव और भावना का परिवर्तन करने वाले विश्व परिवर्तक भव 
जैसे गुलाब का पुष्प बदबू की खाद से खुशबू धारण कर खुशबूदार गुलाब बन जाता है। ऐसे आप विश्व परिवर्तक श्रेष्ठ आत्मायें अशुभ, व्यर्थ, साधारण भावना और भाव को श्रेष्ठता में, अशुभ भाव आर भावना को शुभ भाव और भावना में परिवर्तन करो, तब ब्रह्मा बाप समान अव्यक्त फरिश्ता बनने के लक्षण सहज और स्वत: आयेंगे। इसी से माला का दाना, दाने के समीप आयेगा। 
स्लोगन: अनुभवी स्वरूप बनो तो चेहरे से खुशनसीबी की झलक दिखाई देगी। 

[20-06-2012]

Essence: Sweet children, this is the school for becoming Narayan from an ordinary man. The one who is teaching you is the true Father, the true Teacher and the true Satguru Himself. You have to remain firm in this faith. 
Question: What should you children never have the slightest worry about and why? 
Answer: If, while following this path, someone has heart failure and leaves his body, you should not worry because you know that each one has to perform his own act. You should be happy because you know that that soul has taken the sanskars of knowledge and yoga with him and so will now serve Bharat even better. There is no question of worrying; it was destined in the drama. 
Song: You are the Mother and You are the Father. 

Essence for dharna: 
1. You have to do the business of studying and teaching others on the basis of shrimat. Remain firm on the destiny of the drama. Do not worry about anything. 
2. At the end, no one but the Father should be remembered. Therefore, practise forgetting even that body. You have to become bodiless. 

Blessing: May you be a world transformer who transforms impure feelings and intentions of all souls. 
Just as a rose takes fragrance from bad-smelling fertilizer and becomes a fragrant rose, in the same way, elevated world transformer souls transform impure, wasteful and ordinary feelings and intentions into greatness. They transfer impure feelings and intentions into pure feelings and intentions for only then can they easily and automatically develop the qualifications for becoming avyakt angels, the same as Father Brahma. The beads of the rosary will come close to one another in this way. 
Slogan: Become an experienced image and the sparkle of the fortune of happiness will be visible on your face. 

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