[14-09-2012]
मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - इस समय सभी की तकदीर बिगड़ी हुई है, क्योंकि सब पतित हैं, तुम्हें अब श्रीमत पर सबकी तकदीर जगानी है, पावन बनने की युक्ति बतानी है''
प्रश्न: सबसे खराब चाल कौन सी है, जिससे बहुत नुकसान होता है?
उत्तर: एक दो को पत्थर मारना अर्थात् कडुवे बोल बोलकर जख्मी कर देना - यह है सबसे
खराब चाल जिससे बहुत नुकसान होता है। तुम बच्चों को अब रूप-बसन्त बनना है। अच्छे
मैनर्स धारण करने हैं। तुम्हारे मुख से सदैव अविनाशी ज्ञान रत्न निकलने चाहिए।
आत्मा को भी याद से रूपवान बनाना है और बाप, जो ज्ञान रत्न
देते हैं, उनका दान करना है। बहुत मीठे बोल बोलने हैं।
कड़ुवे बोल बोलने वाले से किनारा कर लेना है।
गीत:- भोलेनाथ से
निराला...
धारणा के लिए मुख्य सार:
1) निंदा करने वाले का संग कभी भी नहीं करना है। न ग्लानी करनी है, न सुननी है। बुद्धि को पारस बनाने के लिए मुख से ज्ञान रत्नों का दान करना है।
2) ज्ञान मटेरियल से मनुष्यों को देवता, काँटों को फूल बनाने की सेवा करनी है। अपना और सर्व का कल्याण करने का ही धन्धा करना है।
वरदान: न्यारी अवस्था में स्थित रह हर कार्य करने वाले सर्व के वा परमात्म प्यार के अधिकारी भव
जैसे बाप सबसे न्यारा और सबका प्यारा है। न्यारापन ही प्यारा बना देता है। जितना अपनी देह के भान से न्यारे होते जायेंगे उतना प्यारा बनेंगे। बीच-बीच में प्रैक्टिस करो देह में प्रवेश होकर कर्म किया और अभी-अभी न्यारे हो गये। ऐसे न्यारी अवस्था में स्थित रहने से कर्म भी अच्छा होगा और बाप के वा सर्व के प्यारे भी बनेंगे। परमात्म प्यार के अधिकारी बनना-कितना बड़ा फायदा है।
स्लोगन: शुभ भावना का स्टॉक फुल हो तो व्यर्थ को फुलस्टॉप लग जायेगा।
[14-09-2012]
Essence: Sweet children, at this time everyone’s fortune is spoilt because everyone is impure. You now have to follow shrimat and awaken everyone’s fortune. Show everyone the way to become pure.
Question: What very bad activity causes a lot of damage?
Answer: To throw stones at one another, that is, to speak bitterly to someone and hurt that person in that way is very bad; it causes a lot of damage. You children now have to become rup and basant and imbibe good manners. Only the imperishable jewels of knowledge should constantly emerge from your mouth. Make the soul beautiful with remembrance and donate the jewels of knowledge that the Father gives you. Speak very sweet words. Move away from those who speak bitter words.
Song: No one is unique like the Innocent Lord.
Essence for dharna:
1. Never keep the company of those who defame you. Don’t defame others or listen to others who do so. In order to make your intellect divine, donate the jewels of knowledge through your mouth.
2. With the material of knowledge, do the service of changing human beings into deities and thorns into flowers. Only do the business of benefiting yourself and others.
Blessing: May you have a right to receive love from everyone and God by performing every action in the stage of detachment.
The Father is detached from everyone and is loved by everyone, and it is this detachment that makes Him loved. The more you become detached from the awareness of your own body, the more loved you will become. Every now and again, practise entering the body to perform actions and then instantly become detached. By remaining stable in a stage of such detachment, your actions will be good and you will be loved by the Father and everyone. To claim a right to God’s love has such huge benefit.
Slogan: When your stock of pure feelings is full, a full stop will be applied to all waste.
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