12-9-2012:
मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - शरीर पर कोई भरोसा नहीं, इसलिए जो शुभ कार्य करना है वह आज कर लो, कल पर नहीं छोड़ो''
प्रश्न: अपना खाना आबाद करने अर्थात् मालामाल होने की युक्ति क्या है?
उत्तर: शिवबाबा को अपना वारिस (बच्चा) बना दो तो वह तुम्हें 21 जन्मों के लिए मालामाल कर देंगे। यह एक ही है जो सबका बच्चा बन सबका खाना आबाद कर देते हैं। परन्तु कई डरते हैं, समझते हैं शायद सब कुछ देना पड़ेगा। बाबा कहते डरने की बात नहीं। तुम अपने बच्चों आदि को सम्भालो। उनकी पालना करो परन्तु याद इस बच्चे को करो तो तुमको लाल कर देगा। अगर इस बच्चे पर बलि चढ़े तो तुम्हारी बहुत सेवा करेगा।
धारणा के लिए मुख्य सार:
1) माया ने जो बहुत
बड़ी जाल बिछाई है, अब बाप की याद से
उस जाल से निकलना है। शुभ कार्य में लग जाना है। किसी देहधारी की जाल में नहीं
फॅसना है, सबसे ममत्व निकाल
देना है।
2) ज्ञान की जो रोशनी मिली है वह सबको देनी है। देह-अभिमान को छोड़ भिन्न-भिन्न युक्तियों से सर्विस करनी है। अन्धों की लाठी बनना है।
2) ज्ञान की जो रोशनी मिली है वह सबको देनी है। देह-अभिमान को छोड़ भिन्न-भिन्न युक्तियों से सर्विस करनी है। अन्धों की लाठी बनना है।
वरदान: दृढ़ प्रतिज्ञा द्वारा अलबेलेपन के लूज़ स्क्रू को टाइट करने वाले तीव्र पुरूषार्थी भव
प्रतिज्ञा में लूज़ होने का मूल कारण है-अलबेलापन। जैसे कितनी भी बड़ी मशीनरी हो लेकिन एक छोटा सा स्क्रू लूज़ हो जाता है तो सारी मशीन को बेकार कर देता है, वैसे प्रतिज्ञा को पूरा करने के लिए प्लैन बहुत अच्छे बनाते हो, पुरूषार्थ भी करते हो लेकिन पुरूषार्थ वा प्लैन को कमजोर करने का स्क्रू एक ही है - अलबेलापन। वह नये-नये रूप में आता है। इसी लूज़ स्क्रू को टाइट करो। मुझे बाप समान बनना ही है-इसी दृढ़ संकल्प से तीव्र पुरूषार्थी बन जायेंगे।
स्लोगन: बेहद की वैराग्य वृत्ति ही समय की समीपता का फाउण्डेशन है।
12-9-2012:
Essence: Sweet children, there is no
guarantee for the body. Therefore, do today any auspicious task you want to
perform. Don’t leave it till tomorrow.
Question: What is the way to make everything of yours successful, that is, to become prosperous?
Answer: Make Shiv Baba your Heir and He will make you prosperous for 21 births. He is the only one who becomes everyone’s Child and makes everything successful for everyone. However, some are afraid; they think that they will perhaps have to give away everything they have. Baba says: There is no question of being afraid. Continue to look after your children etc. Sustain them, but remember this one Child and I will make you prosperous. If you surrender yourself to this Child, I will serve you a great deal.
Essence for dharna:
1. Maya has woven a very big
web. Therefore, remove yourself from that web by remembering the Father. Engage
yourself in carrying out an auspicious task. Don’t trap yourself in the web of
any bodily being. Remove your attachment from everyone.
2. Give others the
enlightenment of knowledge that you have received. Renounce body consciousness and
do service in many different ways. Become a stick for the blind.
Blessing: May you be an intense
effort-maker who tightens the loose screw of carelessness with a determined
promise.
The main reason for being loose in your promise is carelessness. No matter how big some machinery may be, if even one small screw is loose, the whole machinery becomes useless. In the same way, you make very good plans to fulfil your promise, you even make effort, but there is only one screw that makes your efforts or plans weak and that is carelessness. It comes in new forms. Tighten this loose screw. By having the determined thought, “I definitely want to become equal to the Father”, you will become an intense effort-maker.
Slogan: An attitude of unlimited disinterest is the foundation of the closeness of time.
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